Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana Eco Tourism: हरियाणा में अब तेजी से बढ़ेगा इको टूरिज्म, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लगाई मुहर

हरियाणा में अब इको टूरिज्म (पारिस्थितिकी पर्यटन) तेजी से बढ़ेगा। इको-टूरिज्म के विकास के लिए नई नीति बनाई गई है। इस पर बुधवार को मनोहर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। नई नीति का उद्देश्य राज्य की समृद्ध जैव विविधता पारिस्थितिकी तंत्र विरासत स्मारकों और सांस्कृतिक विविधताओं का संरक्षण करना है। इससे हरियाणा प्रमुख इको-टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित होगा।

By Sudhir Tanwar Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Thu, 04 Jan 2024 01:34 AM (IST)
Hero Image
हरियाणा में अब तेजी से बढ़ेगा इको टूरिज्म

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब इको टूरिज्म (पारिस्थितिकी पर्यटन) तेजी से बढ़ेगा। इको-टूरिज्म के विकास के लिए नई नीति बनाई गई है। इस पर बुधवार को मनोहर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। नई नीति का उद्देश्य राज्य की समृद्ध जैव विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र, विरासत स्मारकों और सांस्कृतिक विविधताओं का संरक्षण करना है। इससे हरियाणा प्रमुख इको-टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित होगा। 

इन शहरों में ईको टूरिज्म सुविधाएं दी जा रही

नीति में विविध परिदृश्यों के संरक्षण पर जोर दिया गया है, जिसमें दो राष्ट्रीय उद्यान, सात वन्यजीव अभयारण्य, दो रामसर स्थल, दो संरक्षण रिजर्व और पांच सामुदायिक रिजर्व, अरावली पहाड़ी श्रृंखला, शिवालिक पहाड़ियां, समृद्ध जैव विविधता वाले घने जंगल, जल निकाय और दर्शनीय स्थल शामिल हैं। प्रदेश में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यमुनानगर के चुहड़पुर और बनसंतोर, पंचकूला में थापली, पंचकूला एवं यमुनानगर में नेचर ट्रेल और रेवाड़ी जिले में मसानी में इको-टूरिज्म सुविधाएं विकसित की गई है। 

50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे

वहीं, वन विभाग के तृतीय श्रेणी पदों की भर्ती और सेवा नियमों में बदलाव किया गया है।रेंजर के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होगी और 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।वर्तमान में यह अनुपात 67:33 है। डिप्टी रेंजर्स को पदोन्नति के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सिफारिश पर नियमों में यह संशोधन किया गया है। 

वन रेंजरों के 126 पद हैं

वर्तमान में वन रेंजरों के 126 पद हैं, जिनमें से 67 प्रतिशत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा भरे जाते हैं तथा 33 प्रतिशत पर डिप्टी रेंजरों से पदोन्नति द्वारा नियुक्ति की जाती है। इसी तरह भारतीय वन सेवा के अधिकारी ही मुख्य वन्य जीव वार्डन बन सकेंगे।मुख्य वन्य जीव वार्डन का पद राज्य नियमों से हटा दिया गया है। इस पद को भारत सरकार द्वारा भारतीय वन सेवा (हरियाणा कैडर) में पीसीसीएफ स्तर पर शामिल किया गया है।