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गुजरात और मध्यप्रदेश के बाद अब हरियाणा भी बना भाजपा का गढ़, प्रदेश में लगातार तीसरी जीत के हैं खास मायने

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Election 2024) में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों और राज्य सरकार पर मतदाताओं ने जिस तरह से अपनी सहमति की मुहर लगाई है उससे लगता है कि अब प्रदेश के लोगों को कोई प्रलोभन प्रभावित नहीं कर सकता है।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 09 Oct 2024 08:10 PM (IST)
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हरियाणा में भाजपा ने तीसरी बार जीत हासिल कर रचा इतिहास।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के कार्यों पर प्रदेश के मतदाताओं ने जिस तरह से अपनी सहमति की मुहर लगाई है, उससे पूरे देश में स्पष्ट संदेश गया है कि लोगों को अब न तो कोई प्रलोभन प्रभावित कर सकता है और न ही मुफ्त की घोषणाओं व झूठे तथा पूरा नहीं हो पाने वाले वादों में उनका कोई भरोसा है।

इस बार के चुनाव नतीजों ने क्षेत्रीय दलों की राजनीति को पूरी तरह से हाशिये पर धकेल दिया है। प्रदेश में भाजपा की जीत के कई बड़े कारण सामने आए हैं। किसानों ने उनके नाम पर राजनीति करने वाले दलों को नकारकर पूरे देश में यह संदेश दिया कि उन्हें एमएसपी की गारंटी के नाम पर बहकाया नहीं जा सकता।

24 फसलें खरीदी जा रहीं एमएसपी पर

हरियाणा में सभी 24 फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं। कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल में मिले करीब 1200 करोड़ रुपये के फसल मुआवजे के विपरीत भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में किसानों को करीब साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये का फसल मुआवजा दिया है।

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प्रदेश के होनहार युवाओं को मैरिट के आधार पर बिना पर्ची व बिना खर्ची सरकारी नौकरियां मिली हैं। एक रिक्शा वाले के घर में बिना पैसे के नौकरी गई तो जूते ठीक करने वाले के घर में भी पुलिस की नौकरी लगी। भर्तियों में पारदर्शिता भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है।

भाजपा डबल इंजन के फायदे समझाने में रही कामयाब

कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की पालिसी कांग्रेस के ओल्ड पेंशन स्कीम के वादे पर भारी पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहीरवाल, मध्य हरियाणा और उत्तर हरियाणा में एक के बाद एक चार बड़ी रैलियां कर जनता को डबल इंजन की सरकार के फायदे समझाए।

मोदी देश व प्रदेश की जनता में यह संदेश देने में कामयाब रहे कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में ही देश को विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है। कांग्रेस ने बेरोजगारी, अपराध, नशा और जातिवाद की राजनीति के जिन हथियारों से हरियाणा का चुनावी युद्ध जीतने की कोशिश की, उसी हथियार का भाजपा ने कांग्रेस के विरुद्ध बड़े ही रणनीतिक तरीके से इस्तेमाल कर कांग्रेस को परास्त कर दिया है।

भाजपा ने असल मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर रही हमलावर

भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पर प्रॉपर्टी डीलिंग और गांधी परिवार के प्रति समर्पण के जो आरोप लगाए थे। विधानसभा चुनाव से पहले देश में नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। प्रवर्तन एजेंसियों ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया, उनके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ संबंधों के प्रमाण मिले।

लोगों ने इस बात को समझा और महसूस किया कि कांग्रेस जिस अवैध नशे के कारोबार को लेकर भाजपा पर हमलावर है, उसकी असलियत क्या है। कांग्रेस ने प्रचार में नशे को खूब भुनाया, लेकिन भाजपा अलग मुद्दों को लेकर उस पर हमलावर ही रही।

भाजपा की सीटें और मत प्रतिशत अब तक का रिकॉर्ड

पीएम नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर वोट 23 प्रतिशत था। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा का औसत वोट बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा को अकेले 39.94 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो कि साल 2019 में भाजपा को मिले 36.49 प्रतिशत से करीब साढ़े तीन प्रतिशत अधिक हैं।

भाजपा की पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार 40 की बजाय 48 सीटें आई। ये भाजपा का अब तक का सबसे ज्यादा मत प्रतिशत है। पीएम मोदी के धुआंधार प्रचार, विकास कार्य और नेतृत्व परिवर्तन जैसे फैसलों ने भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए मजबूर कर दिया है।

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