हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा कभी भी उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है। बुधवार रात भाजपा की बैठक में प्रत्याशियों के नाम पर मंथन चला। इस बैठक में भाजपा ने सांसदों को टिकट देने पर भी चर्चा की। इसी के साथ जो टॉप पर हैं उन दावेदारों को भाजपा प्राथमिकता देगी। वहीं जिद करने वाले नेताओं को जीत की गारंटी लिखित में देनी होगी।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की रणनीति में जुटी भाजपा टिकटों के आवंटन में बेहद सावधानी बरत रही है। प्रत्याशियों को लेकर कई स्तर पर सर्वे कराए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सर्वे सूची में अव्वल रहने वाले दावेदारों को ही टिकट दिए जाएंगे। जिन सीटों पर भाजपा नेताओं के रिश्तेदार, पिता-पुत्र अथवा बेटी चुनाव जीतने की स्थिति में होंगे, उन्हें भी टिकट दिए जा सकते हैं।
90 सीटों के लिए पैनल बनकर तैयार
यदि कोई नेता किसी के लिए टिकट देने की जिद करता है तो उसे लिखित में उस व्यक्ति की जीत की गारंटी लेनी होगी। भाजपा के प्रमुख नेताओं की दिल्ली में हुई बैठकों में इसी तरह की सहमति बनी है। प्रदेश चुनाव समिति सभी 90 सीटों के लिए पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव समिति को भेज चुकी है।कोई अंतिम फैसले से पहले पार्टी में मंथन का दौर जारी है। बुधवार की रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिए गए भोज के बाद केंद्रीय मंत्री एवं विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के निवास पर हरियाणा के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई, जिसमें टिकटों को लेकर विचार विमर्श किया गया।
गुरुवार सुबह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हरियाणा के सभी दिग्गज जुटे और एक-एक सीट पर चर्चा की गई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।
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कृष्णपाल पंवार इसराना सीट से लड़ने को इच्छुक
बैठक में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर भी शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय मंत्रियों व मौजूदा सांसदों की बजाय राज्यसभा सदस्यों को विधानसभा चुनाव लड़वाने पर सहमति बनी। बैठक के बाद राज्यसभा सदस्य कृष्णलाल पंवार ने कहा भी कि वह पानीपत की इसराना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
इसी तरह, भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर को तोशाम अथवा सोहना विधानसभा सीट से चुनाव लड़वाया जा सकता है। मनोहर लाल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।भाजपा राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला को टोहाना से विस चुनाव लड़वाने की संभावना पर विचार कर रही है। राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा को गोहाना से उतारा जा सकता है।
पैनल में सभी 41 विधायकों के नाम
मुख्यमंत्री नायब सिंह की कैबिनेट के अधिकतर मंत्रियों को चुनावी रण में उतारा जाएगा, जबकि पैनल में सभी मौजूदा 41 विधायकों के नाम हैं, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सर्वे लिस्ट में उनके नाम टाप पर नहीं होने की स्थिति में टिकट बदले जा सकते हैं।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की दबाव की राजनीति से खुश नहीं है। राव इंद्रजीत बादशाहपुर और गुरुग्राम विधानसभा सीट अपने पास रखने की जिद पर अड़े हैं और बेटी आरती राव को टिकट देने अथवा नहीं देने का फैसला उन्होंने पार्टी पर छोड़ दिया है।दक्षिण हरियाणा में कई सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा को लग रहा है कि वह आसानी से जीत पाने की स्थिति में है, लेकिन राव इंद्रजीत इन सीटों पर अपनी पसंद के उम्मीदवारों को उतारना चाहते हैं।
इनमें रेवाड़ी सीट महत्वपूर्ण है, जहां पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास अथवा उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास को चुनाव लड़वाना चाहती है, जबकि राव इंद्रजीत की पसंद सुनील मुसेपर की धर्मपत्नी मंजू मुसेपर है। सुनील मुसेपुर खुद कोसली से चुनाव लड़ना चाहते हैं।बावल, नारनौल, अटेली, पटौदी और सोहना सीटें भी राव इंद्रजीत अपने पास रखना चाहते हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी राव की सारे प्रस्ताव मानने की जल्दबाजी में नहीं है।
भाजपा की पहली सूची में 29 उम्मीदवारों के नाम संभव
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की अंतिम मुहर के बाद शुक्रवार को पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो सकती है। बताया जाता है कि भाजपा की पहली लिस्ट में 29 ऐसे उम्मीदवार होंगे, जिन पर पार्टी को जीत का पूरा भरोसा है। इस सूची में 2019 में विधानसभा चुनाव हारे मंत्रियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं।
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