अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। पिछले 10 साल से प्रदेश की सत्ता चला रही भाजपा तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। इसी साल 12 मार्च को भाजपा में हुए आंतरिक बदलाव के बाद मनोहर लाल के स्थान पर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
तब से लेकर चार अक्टूबर तक 182 दिन बनते हैं। इन दिनों में 128 दिन आचार संहिता में निकल गए। बाकी बचे 51 दिनों में मुख्यमंत्री सैनी ने 126 निर्णय लिए। इन निर्णयों का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक भी लेकर आए, ताकि सवाल ना उठे कि सरकार ने चुनाव से पहले सिर्फ घोषणाएं की हैं, उन्हें लागू नहीं किया।
सवाल- भाजपा राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान में है। 10 साल की सरकार के बाद एंटी इनकमबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) का असर नजर आने लगता है। आपको अपनी पार्टी की सबसे बड़ी ताकत क्या नजर आ रही है?
जवाब- पहले तो मैं बता दूं कि हमारी सरकार के विरुद्ध किसी तरह की एंटी इनकमबेंसी नहीं हैं। एंटी इनकमबेंसी तो कांग्रेस में है। कांग्रेस न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे देश में स्वयं से लड़ रही है। हमने 10 सालों में जन-जन के विकास के काम किए हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने नेताओं, गांधी परिवार, बिल्डरों और प्रापर्टी डीलरों का विकास किया।
कांग्रेस नेताओं में होड़ मची रहती है कि वे गांधी परिवार को कैसे खुश रखें। हमारे पास गिनवाने के हजारों काम हैं। कांग्रेस के पास किसानों की जमीन अधिगृहित कर बिल्डरों को महंगे दामों पर बेचने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं था। हमने कांग्रेस राज की कुप्रथाओं को बदला है।प्रदेश को विकास के रास्ते पर लाने में कामयाब हुए हैं। हमारी ताकत प्रदेश की जनता है, जिसने हमारे जन कल्याण के कार्यों पर स्वीकृति की मुहर लगाई है।
सवाल- आप राज्य के हर जिले का दौरा कर चुके हैं। आपको तीसरी बार सत्ता में आने का सबसे बड़ा आधार क्या नजर आ रहा है?
जवाब- सैकड़ों आधार हैं। हमने बिना पर्ची और बिना खर्ची के 1.50 लाख सरकारी नौकरियां दी। कांग्रेस पर्ची और खर्ची के साथ 80 हजार नौकरियां दे पाई। कांग्रेस ने अपने 10 साल में कमीशन मोड पर और भाजपा ने अपने कार्यकाल के 10 साल में मिशन मोड पर काम किया है।
हमने आनलाइन पोर्टल आरंभ कर एक साल में करीब 1200 करोड़ रुपये की चोरी रोकी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल में सिर्फ प्रापर्टी बनाने का काम किया है। अब जांच के बाद ईडी तो इन सबको देखेगी ही। फिर कहते हैं कि ईडी परेशान करती है। ईडी स्वतंत्र एजेंसी है। अगर उसे कुछ गलत दिखेगा तो वह कार्रवाई तो करेगी ही।
सवाल- कांग्रेस एक के बाद एक वादे कर रही है। कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, छह हजार रुपये पेंशन और भाजपा द्वारा आरंभ किए गए ऑनलाइन पोर्टल बंद करने के वादे इनमें प्रमुख हैं?
जवाब– कांग्रेस के वादे हवा के बुलबुले होते हैं। हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने वहां की जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन अभी तक पूरे नहीं किये। हिमाचल प्रदेश में तो कर्मचारियों को देने के लिए वेतन तक नहीं है।
वहां कांग्रेस ने हर साल एक लाख नौकरी देने का वादा पूरा नहीं किया। कर्नाटक में महिलाओं को दो हजार रुपये मासिक नहीं दिए। तेलंगाना में कांग्रेस का एक साल में सरकारी पदों पर भर्तियां करने का वादा अधूरा है। कर्नाटक में किसानों को 24 घंटे बिजली देने का वादा पूरा नहीं किया। इसलिए कांग्रेस के वादों पर मत जाइये।
सवाल- इस बार लोकसभा चुनाव हुए, लेकिन नतीजे भाजपा की सोच और लक्ष्य के अनुरूप क्यों नहीं रहे?
जवाब- कांग्रेस को झूठ फैलाने व षड्यंत्र की राजनीति करने में महारत है। वह देश और प्रदेश की भोली जनता में यह दुष्प्रचार करने में कामयाब रही कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यदि 400 सीटें मिल गई तो वह भारत के संविधान को बदल देंगे। मगर काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
देश और प्रदेश की जनता कांग्रेस के इस झूठे प्रचार की असलियत समझ चुकी है और वह हरियाणा समेत किसी भी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत से जिताकर कांग्रेस को उसके झूठ का जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।
सवाल- हरियाणा में कई बड़े आंदोलन हुए। इनमें जाट आरक्षण और किसान आंदोलन प्रमुख हैं। किसान लंबे समय से फसलों की एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं। क्या कहते हैं?
जवाब- यह दोनों आंदोलन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से प्रायोजित हैं। प्रदेश के भोले-भाले किसानों के पास आंदोलन में धरने लगाकर बैठने का समय नहीं है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने सभी 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का काम किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में 14 फसलें एमएसपी पर खरीदी जाती थी। 10 फसलें एमएसपी पर खरीदने का निर्णय मैंने लिया है। कांग्रेस आज भी अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रही है। उसे प्रदेश के विकास और किसान के फायदे से कोई सरोकार नहीं है।हमने फसलों की एमएसपी को महंगाई से जोड़ा हुआ है। महंगाई बढ़ेगी तो एमएसपी भी बढ़ेगी। किसान की फसल का एक-एक दाना हम एमएसपी पर खरीद रहे, यह गारंटी ही तो है।
हरियाणा की 80 प्रतिशत अर्थव्यवस्था का आधार खेती-किसानी है। गुरुग्राम और फरीदाबाद के साथ करनाल और सोनीपत जिले ही ऐसे हैं, जहां से सरकार को राजस्व मिलता है। किसानों को सरकार से कहीं न कहीं ज्यादा अपेक्षा रहती है?
जवाब- हम किसान की हर अपेक्षा को पूरा करने का काम कर रहे हैं। किसानों को बिजली, खाद और ऋण बहुत सस्ता उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं। कांग्रेस के समय में किसानों को दो रुपये के मुआवजे के चेक दिए जाते थे, जबकि खाता खोलने में ही एक हजार रुपये लगते हैं।
कांग्रेस के नेताओं खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताना चाहिए कि उनके कार्यकाल में कितनी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाती थी और उन्होंने सूरजमुखी व बाजरे की कितनी फसल एमएसपी पर खरीदी है। यह सब हमने कर दिखाया है।कांग्रेस ने कुल 1158 करोड़ का मुआवजा दिया, हमने 10 साल में 13 हजार 276 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों के खातों में आनलाइन दिया। कांग्रेस ने चार से छह घंटे बिजली दी, हमने 24 घंटे बिजली दी। कांग्रेस राज में 21 लाख लोगों को पेंशन मिलती थी, भाजपा सरकार 34.66 लाख लोगों को पेंशन दे रही है। यही फर्क है।
सवाल- प्रदेश में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक नया गठजोड़ बनाने की तैयारी में हैं। लोकसभा चुनाव में भी इन दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था?
जवाब- यह भ्रष्टाचारियों का टोला है। भ्रष्टाचार में इन दोनों दलों के नेताओं को गोल्ड मेडल मिलना चाहिए। मुझे कोई देने को कहेगा तो मैं डायमंड मेडल दूंगा। यह लोग मुफ्त की राजनीति करते हैं। लोगों को मुफ्त में सुविधाएं देने का सब्जबाग दिखाते हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ती ताकत को यह लोग मिलकर रोकने का षड्यंत्र कर रहे हैं। डबल इंजन की सरकारों का फायदा लोगों को लेने देना नहीं चाहते। जम्मू-कश्मीर में अभी कांग्रेस ने नेशनल कान्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को यह बताना चाहिए कि क्या वे जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद की तरफ ले जाना चाहते हैं। नेशनल कान्फ्रेंस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया कि वह आतंकवाद और पत्थरबाजी में शामिल लोगों के स्वजन को नौकरियां देगी।भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राहुल गांधी यह बताएं कि क्या नेशनल कान्फ्रेंस के इस वादे के साथ वह भी खड़े हैं।
सवाल- हरियाणा में कई साल तक क्षेत्रीय दलों की सरकारें रही हैं। भाजपा ने भी साढ़े चार साल तक क्षेत्रीय दल जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन की सरकार चलाई। प्रदेश में क्षेत्रीय दलों की भूमिका को कैसे देखते हैं?
जवाब– प्रदेश की जनता क्षेत्रीय दलों को अवसरवादी दलों के रूप में देखती है। अब इनका समय खत्म हो चुका है। क्षेत्रीय दलों को प्रदेश की जनता पूरी तरह से नकार चुकी है। आने वाला समय भारतीय जनता पार्टी का है। हरियाणा में भाजपा का मुकाबला केवल कांग्रेस पार्टी से है।
सवाल- भारतीय सेनाओं में 10 प्रतिशत लोग हरियाणा के होते हैं। भारत सरकार की अग्निवीर योजना में चार साल की नौकरी को कांग्रेस मुद्दा बना रही है?
जवाब- हमने अग्निवीर योजना में भर्ती होने वाले हरियाणा के युवाओं के लिए नौकरियों की गारंटी दी है। पुलिस और माइनिंग गार्ड में पूर्व अग्निवीरों को 10 फीसद तक आरक्षण हम देंगे। अग्निवीर के तौर पर आर्म फोर्सेज में सेवाएं दे चुके जवानों को बिना ब्याज के पांच लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा।कांस्टेबल, फोरेस्ट गार्ड और स्पेशल पुलिस आफिसर की नौकरियों में भी आरक्षण का प्रविधान किया गया है। साथ ही, ग्रुप बी और सी की नौकरियों में अधिकतम आयु में तीन वर्ष की छूट मिलेगी। पहले बैच के लिए यह छूट पांच वर्ष की होगी। ग्रुप बी में एक प्रतिशत और ग्रुप सी में पांच प्रतिशत होरिजेंटल आरक्षण होगा।शहीदों के आश्रितों को कांग्रेस ने सिर्फ छह नौकरियां दी, जबकि हमारी सरकार ने अब तक 336 नौकरियां प्रदान की है। अंतर सबके सामने है।
सवाल- हरियाणा में करीब 25 हजार सरकारी भर्तियां अटकी पड़ी हैं और 40 हजार भर्तियों की प्रक्रिया रुकी हुई है। हजारों लोग सरकार पर इन भर्तियों के रिजल्ट घोषित करने का दबाव बना रहे हैं?
जवाब- हम तो स्वयं इन भर्तियों के रिजल्ट घोषित करना चाहते हैं। लेकिन हरियाणा में एक भर्ती रोको गैंग सक्रिय है, जिसकी सरगना कांग्रेस है। इसी भर्ती रोको गैंग ने 24-25 हजार भर्तियों के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगवाई है।लोकसभा चुनाव और उससे पहले हुए जींद उपचुनाव में भी सरकार ने भर्तियों के रिजल्ट घोषित किए थे। केंद्रीय चुनाव आयोग यदि हमें अनुमति प्रदान करे तो हम तुरंत इन भर्तियों के रिजल्ट घोषित करने को तैयार बैठे हैं। राज्य में पांच अक्टूबर को मतदान है और आठ अक्टूबर को तीसरी बार भाजपा की सरकार सत्ता में आएगी।तब मैं पहली कलम से सभी रुकी हुई भर्तियों के रिजल्ट घोषित कराने का काम करूंगा और रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए विकास का सफर जारी रखेंगे।
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सवाल- भाजपा ने 67 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इसके बाद से टिकट के दावेदारों में असंतोष है। कई प्रमुख नेता पार्टी छोड़ने की बात कह रहे हैं?
जवाब- भारतीय जनता पार्टी के पास चुनाव चिह्न के रूप में एक कमल का फूल है, लेकिन उसे प्राप्त करने की चाह रखने वाले बहुत लोग हैं। स्वाभाविक रूप से एक ही व्यक्ति को टिकट के रूप में कमल का फूल मिलेगा। बाकी लोगों को नहीं मिलेगा तो उनमें निराशा का भाव पैदा होगा, लेकिन यह थोड़े समय के लिए होता है।टिकट के बाकी सभी दावेदार इस कमल के फूल को खिलाने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसके बाद भी यदि कहीं थोड़ी बहुत नाराजगी रहेगी तो मैं सभी से मिलूंगा-बात करूंगा। सब अपने हैं, सब पार्टी के हैं और पार्टी उनकी है। हम उन्हें मना लेंगे।
सवाल- कांग्रेस कह रही है कि सत्ता में आई तो भाजपा सरकार द्वारा आरंभ किए सभी आनलाइन पोर्टल बंद कर देगी?
जवाब- कांग्रेस को यह मौका कभी नहीं मिल पाएगा। आनलाइन पोर्टल सेवाएं आरंभ होने से भ्रष्टाचार बंद हुआ है। यदि कांग्रेस पोर्टल बंद करने की बात कहती है तो लोग उसका डिब्बा बंद कर देंगे। परिवार पहचान पत्र और प्रापर्टी आइडी में तकनीकी गलतियों में सुधार के प्रस्ताव जब हमारे पास आए तो तत्काल शिविर लगाकर उन्हें ठीक कराया। यह अनवरत प्रक्रिया है, जो चलती रहती है।
सवाल- मुख्यमंत्री के रूप में आपको 51 दिन काम करने का मौका मिला। आपने 126 निर्णय भी लिए। जिस दिन आचार संहिता लगी, उस दिन सुबह के समय आप कह रहे थे कि अभी चुनाव में समय है, तो ऐसा कौन सा काम रह गया, जिसे आप पूरा करना चाहते थे?
जवाब- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गरीब, युवा, महिला और किसान के कल्याण पर जोर दिया है। दुनिया में भारत की आर्थिक स्थिति अब 12वें स्थान से पांचवें नंबर पर आ गई है। प्रधानमंत्री भारत को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा रखते हैं।हरियाणा की भाजपा सरकार डबल इंजन के धर्म पर आगे बढ़ते हुए देश की प्रगति में योगदान देने के लिए काम करेगी, जिसका लाभ प्रदेश की तमाम जनता और क्षेत्र को मिलेगा।
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