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Haryana Election 2024: हुड्डा-सैलजा और रणदीप गुटों में घमासान, तीनों दिग्गज लड़ रहे CM की लड़ाई, कांग्रेस के सामने क्या है चुनौती

Haryana Election 2024 हरियाणा में कांग्रेस के बीच अंदरुणी कलह फिर से सामने आई है। तीनों दिग्गज सीएम पद के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। रणदीप सुरजेवाला कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुटों में टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। तीनों नेताओं ने अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवार के नामों की लिस्ट पार्टी हाईकमान को सौंप दी है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 01 Sep 2024 11:45 PM (IST)
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Haryana Election 2024: हुड्डा-सैलजा और रणदीप गुटों में घमासान, कांग्रेस के सामने क्या है चुनौती।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर लगातार चार दिन मंथन कर चुकी कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने सभी गुटों को साधना बड़ी चुनौती है। प्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह से गुटों में बंटी है।

हर गुट के नेता की कोशिश अपने समर्थकों के नाम केंद्रीय चुनाव समिति के पास जाने वाले पैनलों में शामिल कराने की है। उनका मानना है कि जिसके जितने ज्यादा समर्थक चुनाव जीतेंगे, उसका मुख्यमंत्री पद पर दावा उतना ही मजबूत होगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की होड़ लगी है।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कुमारी सैलजा को छोड़कर ज्यादातर टिकट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद के उम्मीदवारों को मिले थे। विधानसभा चुनाव में भी हुड्डा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा को रोकने लिए कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव हाईकमान को अपनी पसंद के दावेदारों की सूची सौंप चुके हैं।

इन इलाकों में हुड्डा का प्रभाव

स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के लिए इस सूची को नजर अंदाज करना आसान नहीं होगा। पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया राज्य में हुड्डा गुट को सबसे अधिक मजबूत मानते हैं। इसलिए उम्मीदवारों की सूची में हुड्डा समर्थकों का दबदबा रहने की ज्यादा संभावना है।

सैलजा गुट की बाबरिया से नहीं बनती है, लेकिन सैलजा व सुरजेवाला की हाईकमान में मजबूत पकड़ है। सैलजा का प्रभाव हिसार, अंबाला व सिरसा जिलों में सबसे अधिक है। हुड्डा का प्रभाव रोहतक, सोनीपत और झज्जर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में है।

इस वजह से उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी

सुरजेवाला को जींद और कैथल में ज्यादा महत्व मिलता है। कैप्टन अजय यादव को गुरुग्राम व रेवाड़ी का बड़ा नेता माना जाता है। चौधरी बीरेंद्र सिंह हिसार व जींद जिलों में प्रभाव रखते हैं, लेकिन हुड्डा गुट के साथ चलना उनकी मजबूरी बना हुआ है। हुड्डा 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं।

इसलिए वह गांधी परिवार के साथ-साथ पार्टी के प्रमुख नीति निर्धारकों के बहुत करीब हैं। जानकार बता रहे हैं कि कांग्रेस एक रणनीति के तहत उम्मीदवारों की सूची जारी करने में देरी कर रही है।

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पहली सूची में 40 चेहरे हो सकते हैं शामिल

स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों का दौर दो दिन तक बढ़ाया गया है, ताकि जिन सीटों पर किसी तरह का असमंजस है, उसको फाइनल कर केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेज दिए जाएं। पहली सूची में अधिकतर विधायक होंगे शामिल कांग्रेस प्रत्याशियों की दो से तीन सूची जारी करेगी।

पहली सूची तीन या चार सितंबर व दूसरी सूची छह या सात सितंबर को आ सकती है। तीसरी सूची नामांकन के आखिरी दिन से कुछ पहले आ सकती है। पहली सूची में पार्टी के 40 चेहरे शामिल हो सकते हैं।

मंगलवार को आएगी पहली सूची

यह वे नेता होंगे, जिनके नामों पर आम सहमति बन चुकी है। इनमें अधिकतर विधायक होंगे। जिन नामों पर सहमति नहीं होगी या पैनल में और नाम भी होंगे, इनमें प्रत्याशी तय कर दूसरी सूची में शामिल किए जाएंगे।

रविवार को पांचवें दिन हरियाणा की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक सोमवार को भी जारी रहेगी। संभव है कि मंगलवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। इसी बैठक में पहली सूची पर मुहर लगेगी।

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