Haryana Election 2024: कांग्रेस और भाजपा के बीच होगी कांटे की टक्कर, लोकसभा चुनाव के नतीजों से समझें क्या है समीकरण
हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल (Haryana Vidhansabha Election 2024) बज चुका है। चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में देखना यह है कि इस चुनाव में कौन बाजी मारेगा। लोकसभा चुनाव की बात करें तो 90 विधानसभा सीटों में 42 पर कांग्रेस को बढ़ती मिली। वहीं 44 पर भारतीय जनता पार्टी आगे रही।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतरी सत्तारूढ़ भाजपा की राह इस बार आसान नहीं है।
भाजपा को केंद्र में अपनी सरकार होने का फायदा मिलने की उम्मीद है, लेकिन 10 वर्ष की सत्ता विरोधी लहर का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। कुछ माह पहले हुए लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस काफी उत्साह में है।दोनों पार्टियों ने पांच-पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है। लोकसभा चुनाव में राज्य की 90 विधानसभा सीटों में 42 पर कांग्रेस को बढ़त मिली है तो 44 पर भाजपा आगे रही है।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के समय नायब सैनी को सौंपी बागडोर
चार विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने बढ़त बनाई है। ऐसे में मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही होने जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदलकर मनोहर लाल के स्थान पर नायब सिंह सैनी को बागडोर सौंपी थी।हालांकि, भाजपा को इसका उतना फायदा नहीं मिला, जितनी अपेक्षा की गई थी। बाद में सैनी ने पकड़ बनाई और एक के बाद एक किसान, महिला, युवा तथा पिछड़ा वर्ग के समर्थन में इतने फैसले लिए कि भाजपा की हालत में सुधार महसूस किया जाने लगा। सैनी ने जनता से जुड़ाव मजबूत किया।
सार्वजनिक मंचों पर जितनी भी घोषणाएं की, उनकी तुरंत अधिसूचनाएं जारी कराई, ताकि यह संदेश ना जा सके कि भाजपा सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है।उनकी पूरी कोशिश सत्ता विरोधी लहर को कम करने की रही। लोकसभा चुनाव के नतीजों से बना उत्साह कांग्रेस में साफ दिख रहा है। पार्टी ने हरियाणा मांगे हिसाब अभियान चलाकर सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बनाए हुए है।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा हाईकमान में पैठ मजबूत करने के साथ पार्टी के चुनावी अभियान के अगुवा बने हुए हैं।
हालांकि, गुटों में बंटने के कारण कांग्रेस को नुकसान होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता, लेकिन जिस तरह से कुछ दिन पहले राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा के नेताओं को एकजुट होकर चलने का संदेश दिया है, उससे लग रहा है कि आने वाला समय में सभी धड़े एक मंच पर दिखाई दे सकते हैं।
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