हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Vidhan Sabha Election 2024) के लिए नामांकन प्रक्रिया के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। इसमें विधानसभा भंग करने का निर्णय लेकर राज्यपाल को सिफारिश की जा सकती है। संवैधानिक संकट को टालने के लिए गुरुवार तक सदन की बैठक बुलाना या फिर विधानसभा भंग करना जरूरी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए चल रही नामांकन प्रक्रिया के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। इसमें विधानसभा भंग करने का निर्णय लेकर राज्यपाल को सिफारिश की जा सकती है।
संवैधानिक संकट को टालने के लिए गुरुवार तक सदन की बैठक बुलाना या फिर विधानसभा भंग करना जरूरी है। विधानसभा भंग होने के बावजूद चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक नायब सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे।
हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। संवैधानिक रूप से छह महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। इसलिए सरकार के लिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना जरूरी है।
संवैधानिक संकट टालने के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी होगी।
संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए।
आज तक कभी ऐसी स्थिति नहीं आई है कि छह महीने में कोई सत्र न बुलाया गया हो। हालांकि, मुख्यमंत्री नायब सैनी कुछ दिन पहले मीडिया से बातचीत में यह भी कह चुके हैं कि अगर वे विधानसभा का सत्र नहीं बुलाते तो यह कोई संवैधानिक रूप से गलत नहीं है।