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Haryana Election 2024: बाकी 23 सीटों पर बीजेपी में असमंजस, नहीं बन पा रही सिंगल नाम की सहमति; क्या है चुनौती

Haryana Election 2024 बीजेपी ने पहली सूची में 67 उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। अब बची 23 सीटों पर एलान होना बाकी है। इन सीटों पर बीजेपी में असमंजस है। सिंगल नाम की सहमति नहीं बन पा रही है। जिस तरह से पहली सूची में बगावत का सीरियल ब्लास्ट हुआ है बीजेपी नहीं चाह रही है कि बाकी सीटों पर ऐसा हो।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 06 Sep 2024 09:16 AM (IST)
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Haryana Election 2024: बाकी 23 सीटों पर बीजेपी में असमंजस, सामने आ रही ये दिक्कत।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा की 67 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने के बाद भाजपा के टिकट से वंचित दावेदारों व उनके समर्थकों में आक्रोश है। बाकी 23 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने को लेकर पार्टी असमंजस में है। अभी इन सीटों पर सिंगल नाम की सहमति नहीं बन पाई है।

सात मौजूदा विधायकों सहित कई दिग्गज नेताओं की सीट पर पेंच फंसा हुआ है। इनमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार के दो मंत्री और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं। सिरसा जिले की तीन विधानसभा सीटों पर भी उम्मीदवारों को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। इन सीटों पर चर्चा के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बृहस्पतिवार दोपहर को हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष एवं सिरसा के विधायक गोपाल कांडा को दिल्ली बुलाया है।

67 उम्मीदवारों की सूची में 40 प्रत्याशी बदले

भाजपा ने बुधवार को जारी 67 उम्मीदवारों की सूची में 40 प्रत्याशी बदले हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार के आठ मंत्रियों को टिकट दिए, जबकि तीन मंत्रियों रणजीत चौटाला, बिशंभर वाल्मीकि और संजय सिंह के टिकट काट दिए हैं। साथ ही पांच मौजूदा विधायकों के टिकटों पर भी कैंची चली है। पीडब्ल्यूडी मंत्री डा. बनवारी लाल व शिक्षा राज्यमंत्री सीमा त्रिखा की टिकट पर अभी असमंजस बना हुआ है।

कमल निशान पर लड़ना चाह रहे गोपाल कांडा

महेंद्रगढ़ में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा की सीट पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो पाया है, जबकि पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल की डबवाली सीट पर पार्टी अभी दुविधा में है। एनडीए के पार्ट के रूप में हलोपा विधायक गोपाल कांडा को भाजपा कमल के फूल से चुनाव लड़वाने पर विचार कर रही है। फिलहाल उनकी सिरसा तथा डबवाली व ऐलनाबाद विधानसभा सीटों को भी होल्ड पर रख दिया गया है।

इन सीटों पर है समस्या

भाजपा ने जिन 23 विधानसभा क्षेत्रों की सूची अभी जारी नहीं की है, उनमें नारायणगढ़, पूंडरी, असंध, गन्नौर, राई, बरौदा, जुलाना, नरवाना, डबवाली, सिरसा, ऐलनाबाद, रोहतक, महेंद्रगढ़, नारनौल, बावल, पटौदी, नूंह, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना, हथीन, होडल, फरीदाबाद एनआइटी व बड़खल सीटें शामिल हैं। भाजपा को अभी जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए, उनमें सात मौजूदा विधायकों की सीटें भी शामिल हैं।

मेयर मनमोहन गोयल दावेदार

इन सभी विधायकों को दोबारा टिकट मिलने की उम्मीद है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ते हैं। भाजपा ने अभी तक उनके नाम की घोषणा नहीं की है। हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर की रोहतक सीट पर भी असमंजस बना हुआ है। यहां मेयर मनमोहन गोयल टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।

बिमला चौधरी को चुनाव लड़वाना चाहते राव

नायब सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री डा. बनवारी लाल की बावल से टिकट पर तलवार लटकी हुई है। शिक्षा राज्य मंत्री सीमा त्रिखा बड़खल से टिकट मांग रही है, लेकिन यहां केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी, धनेश अदलखा और रेणु भाटिया प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। पटौदी से भाजपा विधायक सत्यप्रकाश जरावता की टिकट केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की पसंद-नापसंद को लेकर अटकी हुई है। राव यहां पूर्व विधायक बिमला चौधरी को चुनाव लड़वाना चाहते हैं।

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गन्नौर, राई व बरौदा सीटों का आपस में कनेक्शन

भाजपा नारनौल में किसी नए चेहरे पर दाव लगाना चाहती है। राव इंद्रजीत यहां पूर्व राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव के टिकट के लिए अड़े हुए हैं। नारायणगढ़ सीट पर भी अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। कालका से पूर्व विधायक लतिका शर्मा का टिकट काटा जा चुका है। उन्हें नारायणगढ़ शिफ्ट करने की चर्चा है। गन्नौर, राई व बरौदा को होल्ड पर रखा है।

गन्नौर की मौजूदा विधायक निर्मल रानी का टिकट कटना तय है। उनकी जगह देवेंद्र कादियान को टिकट मिलने की संभावना है। पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक भी टिकट के प्रयास में हैं। राई से पूर्व मंत्री कृष्णा गहलोत का नाम पैनल में ऊपर है। बरौदा में आइजी की पत्नी का नाम पैनल में मजबूत माना जा रहा है। गन्नौर का फैसला होने पर ही राई व बरौदा के प्रत्याशियों के नाम फाइनल होंगे।

नूंह की सीटों पर राव की निगाह

नूंह जिले की तीन विधानसभा सीटों पर विवाद की स्थिति बरकरार है। नूंह से जाकिर हुसैन टिकट के प्रबल दावेदार हैं। राव इंद्रजीत सिंह ठाकुर सुरेंद्र पिंटू को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों का अभाव बना हुआ है।

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तीन सीटों पर कांडा की राय

गोपाल कांडा की पसंद-नापसंद का ख्याल रखे जाने की जानकारी मिली है। कांडा सिरसा से चुनाव लड़ेंगे। छोटे भाई गोबिंद के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। गोबिंद के बेटे धवल को हलोपा के टिकट से रानियां का प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। ऐलनाबाद से भाजपा के टिकट पर मीनू बेनीवाल चुनाव लड़ सकते हैं।

सीमा त्रिखा की सीट पर फंस रहा पेच

बल्लबगढ़, फरीदाबाद, पलवल, पृथला व तिगांव पर भाजपा अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। चार सीटों बड़खल, हथीन, होडल और फरीदाबाद एनआइटी अभी लंबित है। बड़खल में सीमा त्रिखा, होडल में जगदीश नैयर और हथीन में प्रवीन डागर भाजपा के मौजूदा विधायक हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे देवेंद्र चौधरी के लिए बड़खल के साथ-साथ एनआइटी में भी लाबिंग कर रहे हैं।

असंध, नरवाना, पूंडरी और जुलाना में असमंजस

पूंडरी, असंघ, जुलाना और नरवाना में भी भाजपा अभी तक प्रत्याशियों का फैसला नहीं कर पाई है। नरवाना से जजपा विधायक रहे रामनिवास सुरजाखेड़ा का भाजपा में शामिल होना लगभग तय था। उन पर हाल ही में दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ है। ऐसे में उनकी इंट्री रुक गई। असंध में तीन नेताओं में टिकट को लेकर संग्राम चल रहा है। जिलेराम शर्मा असंध से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

यहां से करनाल के जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा ने भी दावा ठोंका हुआ है। असंघ के पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क भी टिकट के लिए लाबिंग कर रहे हैं। पूंडरी के निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन ने कांग्रेस को समर्थन किया हुआ है। ऐसे में पूंडरी और जुलाना में भी भाजपा मजबूत चेहरा तलाश रही है।

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