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Haryana Election 2024: 4 दशकों में आबादी दोगुनी, बढ़ने के बजाय घट गए कर्मचारी, डेढ़ लाख से अधिक पद खाली

हरियाणा में सरकारी नौकरियां बड़ा मुद्दा है। प्रदेश में लाखों पद खाली हैं लेकिन भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। पेपर लीक के कारण कई परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग भी लंबे समय से उठ रही है। सरकार ने पांच साल की सेवा पूरी कर चुके सभी कच्चे कर्मचारियों को रिटायरमेंट तक सेवा सुरक्षा की गारंटी देने का फैसला लिया है।

By Sudhir Tanwar Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 26 Aug 2024 04:08 PM (IST)
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Haryana Election 2024: हरियाणा चुनाव में सरकारी नौकरी सबसे बड़ा मुद्दा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनावों में सरकारी नौकरियां बड़ा मुद्दा है। प्रदेश में सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थानों में कुल चार लाख 45 हजार स्वीकृत पद हैं। इनमें डेढ़ लाख से अधिक पद खाली हैं। विडंबना यह कि चार दशकों में जनसंख्या में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद स्वीकृत पदों की संख्या नहीं बढ़ पाई।

1980 के दशक में प्रदेश की जनसंख्या सवा करोड़ थी, तब भी साढ़े चार लाख पद थे। अब आबादी 2.85 करोड़ हो गई है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई। इसके उलट दो साल पूर्व 13 हजार 462 पदों की कटौती कर दी गई, जिससे कुल पदों की संख्या 4.45 लाख रह गई।

कर्मचारियों पर बढ़ा मानसिक तनाव

नतीजन अत्यधिक वर्कलोड से न केवल कर्मचारियों पर मानसिक तनाव बढ़ा है, बल्कि लोगों के काम भी समय पर नहीं हो पाते। खासकर आमजन से जुड़े पुलिस, जन स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, पशुपालन जैसे विभागों में कर्मचारियों की सबसे ज्यादा कमी है। कर्मचारी संगठनों का तर्क है कि मौजूदा आबादी के अनुसार प्रदेश में कम से कम 10 लाख कर्मचारी होने चाहिए।

एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारी पोर्ट

सरकारी विभागों में काम का बोझ कम करने के लिए हालांकि अनुबंध आधार पर सवा लाख से अधिक कच्चे कर्मचारी लगाए गए हैं। आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-1 और आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-2 के तहत लगे इन कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदारों के चंगुल से निजात दिलाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया, जिसमें अब तक एक लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारी पोर्ट हो चुके हैं। इससे कच्चे कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन के साथ ही ईपीएफ और स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी सुनिश्चित हुई हैं।

भर्तियों में इनेलो-कांग्रेस पर भाजपा का पलड़ा भारी

-वर्ष 1999 से 2005 के बीच मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की सरकार थी, जिसमें 15 हजार 125 भर्तियां की गईं

-2005 से 2014 तक 10 साल के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार में 86 हजार 67 सरकारी भर्तियां हुईं

-2014 से अब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल और नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करीब 1.50 लाख नौकरियां दी गई हैं

भर्तियों की पवित्रता पर पेपर लीक का दाग

  • -3 मई 2015 को रोहतक में एआइपीएमटी की प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक हुआ। आरोपितों ने 15 से 30 लाख रुपये में आंसर-की परीक्षार्थियों को बेची थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को रद कर दिया था। मामले में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और श्रीनगर से दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया
  • -2018 में लखनऊ में इलाहाबाद हाई कोर्ट के असिस्टेंट रिव्यू आफिसर की भर्ती परीक्षा लीक करने के आरोपित भी हरियाणा के निकले
  • -2019 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की क्लर्क भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ। इसी वर्ष दिल्ली कोर्ट में भर्ती और केंद्रीय विद्यालय की प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक होने के तार हरियाणा से जुड़े
  • -ग्राम सचिव की भर्ती के लिए 11 जनवरी 2021 को आयोजित परीक्षा का पेपर रोहतक में लीक हुआ। परीक्षा रद करनी पड़ी। पेपर लीक करने के आरोप में 14 लोगों को गिरफ्तार गया
  • -हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल की भर्ती के लिए 7 और 8 अगस्त 2021 को होने वाली परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद करनी पड़ी। मामले में 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया
  • -नवंबर 2021 में असिस्टेंट लाइनमैन (एएलएम) की भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह दूसरों को परीक्षा दिलाकर पास कराने वाला गिरोह पकड़ा
  • -वेटनरी सर्जन के 383 पदों के लिए 15 जनवरी 2023 को आयोजित भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ
  • -टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) की 16 फरवरी 2023 को आयोजित आनलाइन परीक्षा का पेपर पानीपत में लीक हो गया। पेपर साल्व करते हुए पांच आरोपितों को समालखा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया।
  • -ग्रुप डी की 21 और 22 अक्टूबर 2023 को आयोजित परीक्षा का पर्चा लीक हुआ

पांच साल में हरियाणा लोकसभा आयोग द्वारा की गईं भर्तियां

  • वर्ष -भर्ती
  • 2019-2020 -503
  • 2020-2021 -284
  • 2021-2022 -55
  • 2022-2023 -788
  • 2023 से अब तक -2500

कच्चे कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा की गारंटी का एक्ट

प्रदेश में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग लंबे समय से उठती रही है। अपनी पहली पारी में 14 हजार अतिथि अध्यापकों की सेवाएं 58 साल की सेवानिवृत्ति आयु तक सुनिश्चित कर चुकी भाजपा की सरकार पिछले महीने पांच साल की सेवाएं पूरी कर चुके सभी कच्चे कर्मचारियों को रिटायरमेंट तक सेवा सुरक्षा की गारंटी का निर्णय ले चुकी है।

इसके लिए एक्ट लाया जाना था जो चुनाव आचार संहिता में फंस गया। एक्ट में कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारियों के बेसिक वेतन के समान वेतन, सालाना वेतन वृद्धि, मेटरनिटी लाभ और स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रविधान किया गया है।

एक्ट के मुताबिक 15 अगस्त 2024 तक पांच साल पूरा करने वाले कच्चे कर्मचारियों को मानदेय के अतिरिक्त पांच प्रतिशत, 10 साल की सेवा पर 10 प्रतिशत और 15 साल की सेवाओं वाले कर्मचारियों को 15 प्रतिशत अधिक मानदेय मिलेगा।

आनलाइन स्थानांतरण से राहत

एक समय था जब हरियाणा में कर्मचारियों के तबादलों में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार की आड़ में बड़ा ''खेल'' चलता था। मौजूदा सरकार ने स्थानांतरण के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू किया, जिससे बिचौलियों का रैकेट टूटा है। कर्मचारियों को पोर्टल के माध्यम से पसंद के स्टेशन मिल रहे।

उत्तर प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों ने भी हरियाणा की आनलाइन स्थानांतरण नीति में दिलचस्पी दिखाते हुए इसे अपने यहां लागू करने का निर्णय लिया है। हालांकि पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) का मुद्दा अभी बरकरार है।

आंदोलनरत कर्मचारी संगठन नई पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

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