सैलजा को साइड किया जा रहा या खुद हो रही? कहीं कांग्रेस को हो न जाए नुकसान; 21 सीटों पर है तगड़ा प्रभाव
हरियाणा में टिकट बंटवारे और घोषणापत्र जारी होने के दौरान कांग्रेस महासचिव सैलजा (Selja) की अनदेखी से पार्टी में मतभेद बढ़ने की आशंका है। प्रदेश में सैलजा के हिसाब से सिर्फ 10 टिकट दिए गए हैं जबकि हुड्डा समर्थकों को 72 टिकट दिए गए हैं। सैलजा की नाराजगी से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है क्योंकि वह 21 सीटों पर प्रभाव रखती हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में टिकटों के आवंटन से लेकर चुनाव घोषणापत्र जारी होने के दौरान कांग्रेस महासचिव सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला की अनदेखी से पार्टी में मतभेद ज्यादा गहरा गए हैं।
कांग्रेस में 72 टिकट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को मिले हैं, जबकि चार मौजूदा विधायकों समेत करीब 10 टिकटों पर कुमारी सैलजा को संतोष करना पड़ा है।
सैलजा ने फील्ड से बना ली है दूरी
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के बेटे समेत उनके समर्थकों को सिर्फ दो टिकट मिल पाए हैं, जबकि चार से छह टिकट हाईकमान ने अपनी पसंद से आवंटित किए हैं। टिकटों के आवंटन में अपेक्षित सम्मान नहीं मिलने से नाराज सैलजा ने जहां फील्ड से दूरी बना रखी है। वहीं, बुधवार को नई दिल्ली में सैलजा और सुरजेवाला दोनों कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र जारी करने के दौरान मंच पर कहीं नजर नहीं आए।यह भी पढ़ें- चुनाव के बीच अचानक हरियाणा पहुंचे राहुल गांधी, अमेरिका में घायल युवक के परिजनों से की मुलाकात
चुनाव घोषणापत्र जारी करते हुए जो थीम सांग रिलीज किया गया है, उसमें हालांकि हुड्डा के साथ कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के फोटो जरूर हैं, मगर मंच पर न तो सैलजा थीं और न ही सुरजेवाला दिखे । बताया जाता है कि कुमारी सैलजा कट्टर समर्थक डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद से टिकट नहीं दिला पाईं। उनकी टिकट में भूपेंद्र सिंह हुड्डा बड़ी बाधा बने हैं।
चुनाव घोषणापत्र जारी करते हुए जो थीम सांग रिलीज किया गया है, उसमें हालांकि हुड्डा के साथ कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के फोटो जरूर हैं, मगर मंच पर न तो सैलजा थीं और न ही सुरजेवाला दिखे । बताया जाता है कि कुमारी सैलजा कट्टर समर्थक डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद से टिकट नहीं दिला पाईं। उनकी टिकट में भूपेंद्र सिंह हुड्डा बड़ी बाधा बने हैं।
प्रदेश की 21 सीटों पर सैलजा का प्रभाव
कांग्रेस में अनदेखी के चलते सैलजा ने चुप्पी साधी हुई है। विधानसभा चुनाव में सैलजा की चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वह हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में करीब 21 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां वह प्रभाव रखती हैं। उन्होंने हरियाणा में 30 से 35 सीटें समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को प्राथमिकता दी।
नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक पर केस भी दर्ज हुआ है। सैलजा पर टिप्पणी के बाद भूपेंद्र हुड्डा उनके समर्थन में आए हैं। उन्होंने कहा कि सैलजा हमारी बहन भी हैं, और कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं। उनके बारे में यदि कोई भी, किसी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो उसका कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है।
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