Haryana Election 2024: सीएम के मनाने पर भी नहीं माने सुभाष बराला, समर्थकों को सुना दी वाजपेयी की 'बाधाएं आती हैं आएं' कविता
Haryana Election 2024 टिकट कटने से सुभाष बराला काफी नाराज चल रहे हैं। उन्हें मनाने के लिए सीएम नायब सैनी पहुंचे। लेकिन सीएम नायब सैनी के मनाने से भी नहीं माने। उन्होंने कार्यकर्ताओं से भरोसा और शांति बनाए रखने की अपील की। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता बधाएं आती हैं तो आएं सुनाकर कार्यकर्ताओं को समझाया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। देवेंद्र बबली को टोहाना विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला को मनाने का मुख्यमंत्री नायब सैनी का प्रयास विफल रहा। मुख्यमंत्री शनिवार को बबली की जनसभा में जाने से पहले गांव डांगरा स्थित सुभाष बराला के निवास पर पहुंचे। सीएम जब बराला निवास पर पहुंचे तो वहां पर मौजूद समर्थक बराला के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे।
बराला ने उन्हें दरवाजे पर रिसीव किया और अपने साथ अंदर ले गए। मुख्यमंत्री नायब सैनी और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बीच टोहाना के मसले पर लगभग आधा घंटा बातचीत हुई। सूत्रों की मानें तो सीएम ने बराला से नाराजगी दूर कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने को कहा। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि बराला ने सीएम नायब सैनी को इसके जवाब में क्या आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री के जाने के बाद बराला ने समर्थकों को धैर्य रखने की ताकीद दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता सुनाई जिसकी पंक्तियां थी ‘आती हैं बाधाएं, घिरे प्रलय की घोर घटाएं, कदम मिलाकर चलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा।’
दामाद की खुशी के लिए हड़पी किसानों की जमीन: सीएम
देवेंद्र बबली के नामांकन पत्र जमा करने से पहले आयोजित रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहुंचे। उन्होंने कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हमला बोला। कहा कि भूपेंद्र हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र हिसाब मांगों यात्रा निकाल रहे हैं। अचरज है कि जिस कांग्रेस ने देश में 55-60 साल राज किया और प्रदेश में भी भूपेंद्र हुड्डा की 10 साल लगातार सरकार रही, ये भाजपा से हिसाब मांग रहे हैं।
हिसाब तो कांग्रेस और हुड्डा को देना चाहिए। हुड्डा को हिसाब देना चाहिए कि उन्होंने दामाद को खुश करने के लिए किसानों की जमीन क्यों हड़पी, हुड्डा बताएं कि उनके कार्यकाल में दलितों की बस्ती क्यों जलाई गई, क्यों दलितों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। सैनी ने कहा कि ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका जवाब हुड्डा और कांग्रेस के किसी नेता के पास नहीं है।
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