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Haryana Result 2024: 15 सीटों पर उम्मीदवारों की मामूली अंतर से जीत, BJP प्रत्याशियों के गले से नीचे नहीं उतर रही हार

असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भाजपा के योगेंद्र राणा के हाथों 2306 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं। अटेली में राव इंद्रजीत की बेटी की छोटी जीत अटेली में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव भाजपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के अतरलाल से सिर्फ 3085 मतों से ही चुनाव जीत पाई हैं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Wed, 09 Oct 2024 10:46 PM (IST)
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Haryana Result 2024: 15 सीटों पर उम्मीदवारों की मामूली अंतर से जीत।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के चुनावी रण में 15 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां प्रत्याशियों की हार-जीत का अंतर बहुत कम रहा है। इनमें तीन प्रत्याशी साढ़ोरा से रेणुबाला, फतेहाबाद में बलवान सिंह दौलतपुरिया और पंचकूला में चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा समर्थक हैं, जिनकी छोटी जीत हुई है।

सबसे छोटी जीत या हार जींद जिले की उचाना विधानसभा सीट पर हुई है, जहां भारतीय जनता पार्टी के नये चेहरे देवेंद्र चतुर्भुज अत्री ने हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह (कांग्रेस) और हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (जजपा) को मात्र 32 मतों के अंतर से पराजित किया है। बृजेंद्र सिंह दूसरे और दुष्यंत चौटाला पांचवें स्थान पर रहे।

विधानसभा की सदस्यता से नहीं दिया था इस्तीफा

तीसरे व चौथे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार रहे, जबकि पांचवें स्थान पर खिसके दुष्यंत चौटाला को करीब साढ़े सात हजार मतों में ही संतोष करना पड़ा है। दुष्यंत चौटाला के पिछले चुनाव में 10 विधायक आए थे और इन विधायकों के बूते वह भाजपा सरकार में साढ़े चार साल तक शामिल रहे। किसान संगठनों के भारी दबाव के बावजूद दुष्यंत चौटाला ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था।

भाष सुधा से 3243 मतों के अंतर से चुनाव जीते

दुष्यंत की दलील थी कि उनके इस्तीफा देने से कानून वापस नहीं होंगे, क्योंकि यह केंद्र सरकार के स्तर पर निर्णय लेने से जुड़ा मामला है। साढ़ोरा में कांग्रेस की रेणुबाला भाजपा के बलवंत सिंह साढ़ोरा से सिर्फ 1699 मतों के अंतर से ही चुनाव जीत पाई हैं।

रेणुबाला को कांग्रेस में कुमारी सैलजा की समर्थक माना जाता है। थानेसर में कांग्रेस के पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा पिछली भाजपा सरकार में शहरी निकाय राज्यमंत्री रहे सुभाष सुधा से 3243 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं।

मात्र इतने वोटों से हार गए भव्य विश्नोई

अशोक अरोड़ा पहले इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष होते थे, लेकिन इनेलो में टूट के बाद वे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ आ गए थे। पिछला चुनाव सुधा से अरोड़ा करीब 700 मतों के अंतर से हारे थे। रोहतक में कांग्रेस के पूर्व विधायक बीबी बत्रा भाजपा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर से 1341 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। 

जबकि आदमपुर में कांग्रेस के रिटायर्ड आइएएस चंद्रप्रकाश से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई भाजपा उम्मीदवार के रूप में मात्र 1268 मतों के अंतर से चुनाव हार गए हैं।

शमशेर गोगी नहीं पचा पा रहे हार

असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भाजपा के योगेंद्र राणा के हाथों 2306 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं। अटेली में राव इंद्रजीत की बेटी की छोटी जीत अटेली में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव भाजपा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस के अतरलाल से सिर्फ 3085 मतों से ही चुनाव जीत पाई हैं। डबवाली में इनेलो-बसपा गठबंधनके उम्मीदवार आदित्य देवीलाल चौटाला कांग्रेस के पूर्व विधायक अमित सिहाग से सिर्फ 610 मतों के अंतर से जीते हैं।

डेरा प्रमुख को पेरोल दिलाने वाले ने मारी बाजी 

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल दिलाने की संस्तुति करने वाले सुनील सांगवान दादरी में भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस की मनीषा सांगवान से 1957 मतों से चुनाव जीते हैं। फतेहाबाद में कांग्रेस के बलवान सिंह दौलतपुरिया भाजपा के पूर्व विधायक चौधरी दूड़ाराम से 2252 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं।

इन उम्मीदवारों ने बहुत कम अंतर से हारे चुनाव

होडल में कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान की छोटी हार होडल में हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान भाजपा के हरजिंदर सिंह से 2595 मतों से चुनाव हार गए, जबकि लोहारू में हरियाणा के पूर्व वित्तमंत्री जेपी दलाल कांग्रेस के राजबीर फरटिया से 792 मतों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए हैं। महेंद्रगढ़ में कांग्रेस के राव दान सिंह भाजपा के कंवर सिंह से 2648 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं।

पंचकूला में हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम एवं स्व. भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा सरकार में स्पीकर रहे डा. ज्ञानचंद गुप्ता के मुकाबले 1997 मतों के अंतर से चुनाव जीते हैं। चंद्रमोहन की गिनती भी कांग्रेस में कुमारी सैलजा के समर्थकों में होती है।

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