Haryana Result 2024: सरकार बनाने की जोड़तोड़ में कांग्रेस, BJP ने इन दलों के साथ सत्ता में आने के दिए संकेत
हरियाणा चुनाव 2024 के नतीजे आने वाले हैं और राज्य में सरकार बनाने को लेकर सियासी दलों के बीच घमासान जारी है। एग्जिट पोल के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में इशारा कर रहे हैं लेकिन बीजेपी भी तीसरी बार सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है। क्षेत्रीय दलों को भी त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में एक्जिट पोल के नतीजे भले ही कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन भाजपा को राज्य में तीसरी बार अपनी सरकार बनने की उम्मीद है। कांग्रेस व भाजपा के दावों-प्रतिदावों को नकारते हुए क्षेत्रीय दलों को भी लग रहा है कि प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा का गठन होगा, जिसमें उनकी भूमिका अहम रहेगी।
भाजपा ने दो दिन पहले ही इशारा किया है कि यदि वह किसी कारण से स्पष्ट बहुमत से दूर रहती है तो सरकार बनाने के लिए इनेलो समेत अन्य क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय विधायकों का सहयोग लेने से उसे कोई परहेज नहीं होगा। ऐसे में यदि कांग्रेस के सरकार बनाने के दावों को भाजपा नकारते हुए क्षेत्रीय दलों के सहयोग से कोई खेल कर दे तो कोई हैरानी नहीं होगी।
सरकार बनाने के लिए कितने विधायक की जरूरत
एक्जिट पोल के नतीजों में हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 55 से 65 सीट मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि भाजपा को 25 से 35 सीटें दिखाई जा रही हैं। क्षेत्रीय दलों में इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी समेत अन्य दलों को पांच से एक दर्जन तक सीटें बताई जा रही हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 46 विधायकों की जरूरत होती है।
बीजेपी को 40 सीटों पर संतोष करना पड़ा
एक्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक कांग्रेस यदि यह आंकड़ा पार कर लेती है तो अलग बात है और उसकी सरकार बननी तय है, लेकिन 46 सीटों से नीचे रहने की स्थिति में भाजपा अपनी सरकार बनाने के लिए पूरे समीकरण और जोड़तोड़ भिड़ा देगी।
ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय दलों की अहमियत बढ़ जाएगी। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में एक्जिट पोल के नतीजों में भाजपा को 75 और कांग्रेस को 10 सीटें दी गई थी, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद सारे एक्जिट पोल ध्वस्त हो गए थे। तब भाजपा को 40 सीटों पर संतोष करना पड़ा था और कांग्रेस की 31 सीटें आई थी।
जेजेपी को मिली थी 10 सीट
उस समय इनेलो से टूटकर अलग हुई जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली थी, जबकि एक-एक सीट गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) और अभय सिंह चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को मिली थी। तब सात निर्दलीय विधायक भी चुनकर आए थे।
एक्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक 75 सीटों की संभावना वाली भाजपा को 40 सीटों पर सिमटने के बाद क्षेत्रीय दल जननायक जनता पार्टी व निर्दलीय विधायकों का समर्थन लेना पड़ा था और राज्य में दूसरी बार सरकार बनाई थी। यह सरकार पूरे पांच साल चली।
साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को इस बार राज्य में अपनी पार्टी की ही पूर्ण बहुमत से अधिक संख्या बल के आधार पर सरकार बनने की संभावना दिखाई दे रही है।
क्षेत्रीय दलों की बढ़ जाएगी अहमियत
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 10 में से पांच सीटें मिली थी और भाजपा की 10 सीटों में घटकर पांच सीटें रह गई थी। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला का कहना है कि इस बार राज्य में किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा और त्रिशंकु विधानसभा का गठन होगा, जिसमें मुख्य भूमिका इनेलो की रहेगी। ऐसी ही संभावना जजपा के प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला यह कहते हुए व्यक्त कर रहे हैं कि इस बार ताला और चाबी दोनों उनके हाथ में होंगे।
हुड्डा के बजाय बीजेपी का देंगे साथ
इनेलो नेता अभय चौटाला और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला संकेत दे चुके हैं कि जरूरत पड़ने पर वह कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के नाते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इन दोनों दलों को आरंभ से वोट काटू दलों के रूप में पेश करते रहे हैं।
ऐसे में यदि कांग्रेस को इन क्षेत्रीय दलों की जरूरत पड़ी तो वह हुड्डा के साथ जाने की बजाय भाजपा का साथ देंगे। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी संकेत दिए हैं कि वैसे तो भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।
लेकिन जरूरत पड़ी तो क्षेत्रीय दलों व निर्दलीय विधायकों के सहयोग से भाजपा तीसरी बार सरकार बनाएगी। ऐसे में यदि चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस के साथ कोई खेला हो जाए तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा।