बिना पर्ची-बिना खर्ची के सरकारी नौकरी.. और वायरल Video; भाजपा ने आरएसएस की रणनीति को कैसे जन-जन तक पहुंचाया?
Haryana Election results 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम जारी हो गए हैं। भाजपा ने तीसरी बार प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है। हरियाणा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बड़ा योगदान रहा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा के रणनीतिकारों ने धरातल पर जाकर मतदाताओं तक अपनी नीतियां पहुंचाईं। जिसका असर यह हुआ कि एग्जिट पोल के उलट भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई...
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में भले ही ऐतिहासिक जीत के साथ तीसरी बार भाजपा सत्ता में आई है, लेकिन इसके लिए भाजपा के रणनीतिकारों के साथ-साथ उसकी 'मदर आर्गेनाइजेशन' राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लोगों के बीच धरातल पर जाकर बहुत काम किया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ के कई प्रमुख नेता हरियाणा में कई दिनों तक डटे रहे। आरएसएस प्रमुख ने पानीपत के समालखा में लगातार तीन दिन तक आरएसएस के क्षेत्रीय मुख्यालय में डेरा डाले रखा।
भाजपा के रणनीतिकारों ने ठीक उसी तर्ज पर काम किया, जिस तरह से आरएसएस प्रमुख ने उन्हें दिशा-निर्देश दिए। असर यह हुआ कि पूरे देश के एक्जिट पोल, चुनावी आकलन और पूर्वानुमान ध्वस्त हो गए और राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर भाजपा ने इतिहास रच दिया।
एग्जिट पोल से नहीं डगमगाया भरोसा
देश के सभी एक्जिट पोल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता दिखाया गया था, लेकिन कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अकेले ऐसे भाजपा के नेता थे, जिन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ मतगणना से एक दिन पहले यह दावा किया था कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।नायब सिंह सैनी ने तो यहां तक कह दिया था कि जब भाजपा जीतेगी और कांग्रेस हारेगी तो यह लोग कहेंगे कि ईवीएम खराब है और हुआ भी यही। कांग्रेस नेताओं ने अपनी हार के बाद सारा ठीकरा ईवीएम पर ही फोड़ा, लेकिन भाजपा आरंभ से ही अपनी जीत के प्रति आश्वस्त थी। उसने इसका ज्यादा जल्दी प्रचार नहीं किया।
रंग लाया बिना पर्ची व खर्ची के नौकरी का वादा
भाजपा के रणनीतिकारों ने धरातल पर जाकर काम किया। बिना पर्ची व खर्ची के सरकारी नौकरियों की उपलब्धता तथा एक गरीब परिवार के बच्चे को बिना पैसे के नौकरी देने की उपलब्धियां लेकर भाजपा के साथ-साथ स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता भी लोगों के बीच पहुंचे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार किया गया।भाजपा के रणनीतिकार लोगों को यह समझाने में कामयाब रहे कि यदि कांग्रेस सरकार सत्ता में आ गई तो फिर जाति विशेष के लोगों को नौकरियां मिलेंगी, फिर पर्ची व खर्ची का सिस्टम आरंभ हो जाएगा और क्षेत्रवाद व अवसरवाद हावी हो जाएगा।यह भी पढ़ें - Haryana Result: चंडीगढ़ की दो कोठियों का ‘शुभ-अशुभ’ गणित... 30 साल में कोई भी वित्त मंत्री दोबारा नहीं पहुंचा विधानसभा
अपनी बात सीधे मतदाताओं के दिलों तक पहुंचाने के लिए भाजपा व आरएसएस के नेताओं ने कांग्रेस नेताओं की उन वीडियो को जबरदस्त तरीके से वायरल कराया, जिसमें प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि हुड्डा सरकार आने के बाद राज्य में कोटे के हिसाब से नौकरियों का आवंटन होगा।भाजपा ने गरीब व दलित कल्याण की योजनाओं को बड़े ही सुनियोजित तरीके से लोगों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। शहरी मतदाताओं को चूंकि भाजपा का बंधा हुआ वोट बैंक माना जाता है, इसलिए भाजपा व संघ के नेताओं का पूरा फोकस ग्रामीण मतदाताओं को जागरूक करने पर रहा, जिसमें पार्टी को काफी सफलता मिली है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में भाजपा की जीत में साइलेंट वोटर अपना पूरा योगदान दे गया।
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