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Haryana: पेंशन शंखनाद महारैली में देश भर के कर्मचारियों ने की भागीदारी, Old Pension Scheme बहाली का बनाया दबाव

Haryana News हरियाणा के कर्मचारियों ने दिल्‍ली में पुरानी पेंशन योजना बहाली का दबाव बनाया है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने इसे पेंशन शंखनाद महारैली का नाम देते हुए दावा किया है कि अकेले हरियाणा से करीब 50 हजार कर्मचारियों ने दिल्ली में पहुंचकर अपनी मांग के लिए हुंकार भरी है। इससे पहले पंचकूला में भी कर्मचारी अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कर चुके हैं।

By Anurag AggarwaEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 01 Oct 2023 06:03 PM (IST)
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हरियाणा के कर्मचारियों ने दिल्ली में बनाया पुरानी पेंशन योजना बहाली का दबाव

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने रविवार को नई दिल्ली में अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए सरकार पर ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने का बड़ा दबाव बनाया है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने इसे पेंशन शंखनाद महारैली का नाम देते हुए दावा किया है कि अकेले हरियाणा से करीब 50 हजार कर्मचारियों ने दिल्ली में पहुंचकर अपनी मांग के लिए हुंकार भरी है।

इससे पहले पंचकूला में भी कर्मचारी अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कर चुके हैं। तब उन पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था, जिसमें सैकड़ों कर्मचारी घायल हो गये थे।

जींद में महारैली करने की घोषणा

कर्मचारियों ने अब चुनाव से ठीक पहले 11 फरवरी 2024 को जींद में ओपीएस संख्या महारैली करने की घोषणा की है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली के रामलीला मैदान में पहुंचकर पेंशन शंखनाद महारैली में भागीदारी की और कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर पहली कलम से ओपीएस लागू की जाएगी। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग का समर्थन किया है।

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वोट फॉर ओपीएस की चलाएंगे मुहिम

पेंशन बहाली संघर्ष समिति के राष्ट्रीय मुख्य संगठन सचिव और हरियाणा के अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि अगर केंद्र और राज्य सरकार चुनाव से पहले ओपीएस बहाल नहीं करती तो कर्मचारी संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए वोट फॉर ओपीएस की मुहिम चलाएंगे। उन्होंने दावा किया रैली में देश भर के कर्मचारी शामिल हुए हैं। विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि 11 फरवरी 2024 को जींद में होने वाली महारैली में प्रदेश के तमाम विभागों के कर्मचारी/अधिकारी अपनी ताकत दिखाने का काम करेंगे। हिमाचल प्रदेश की तरह हरियाणा में भी ओपीएस बड़ा चुनावी मुद्दा होगा।

पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा में लगातार आंदोलन चलाए हुए है। 19 फरवरी को पंचकूला में 50 हजार की रैली संघर्ष समिति द्वारा की गई थी, जहां सरकार द्वारा वाटर कैनन, लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग कर्मचारियों पर किया गया। इसके बाद सरकार द्वारा तीन बड़े अधिकारियों की कमेटी गठित की गई, लेकिन उसके बाद भी हरियाणा में कोई सकारात्मक परिणाम ओपीएस बहाली को लेकर नहीं आया है। इसे लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है। संघर्ष समिति गांव-गांव में भी टीम बनाकर आंदोलन को मजबूत बना रही है।

ओल्ड पेंशन कर्मचारियों का अधिकार- हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ओल्ड पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है जो उन्हें मिलना ही चाहिए। सरकार को तुरंत कर्मचारियों की मांग मानते हुए इसे लागू करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल में कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया है। हरियाणा में भी कांग्रेस सरकार बनते ही पहली कैबिनेट मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान किया जाएगा।

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कांग्रेस संसद तक कर्मचारियों की लड़ाई लड़ेगी- दीपेंद्र

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुरानी पेंशन बहाली के लिये अटेवा व नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े संगठनों द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में किए गये विरोध प्रदर्शन को अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारें ओपीएस लागू कर सकती हैं तो फिर हरियाणा सरकार क्यों नहीं कर सकती। हुड्डा ने कर्मचारियों को भरोसा दिया कि कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक ओल्ड पेंशन स्कीम के हक में उनकी लड़ाई लड़ेगी।

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