'गीता-बबीता को क्यों नहीं भेजा?', विनेश को राज्यसभा भेजने वाले भूपेंद्र सिंह के बयान पर महावीर फोगाट का सवाल
बुधवार को विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक के फाइनल कुश्ती मैच से डिस्क्वालिफाई कर दिया गया और गुरुवार को विनेश ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। विनेश का मुद्दा आज संसद में खूब गूंजा। इसी क्रम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी विनेश को लेकर प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि यदि मेरे पास बहुमत होता तो विनेश को सीधा राज्यसभा भेजता।
मैं होता तो राज्यसभा भेजता: भूपेंद्र सिंह
उनसे जब सवाल पूछा गया कि अगर आप उनकी जगह होते तो क्या करते। इसके जवाब में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली है। यदि मेरे पास बहुमत होता तो मैं उन्हें राज्यसभा में भेजता। इससे अन्य खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता।वहीं, विनेश फोगाट के संन्यास लेने पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विनेश ने भली ही संन्यास लेने की बात कही है। लेकिन पूरे देश को यकीन है कि देश की यह बेटी एक बार फिर उठेगी और लड़ेगी। सुरजेवाला ने कहा...यह एक राजनीतिक स्टंट है, आज भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि विनेश को (राज्यसभा में) भेजना चाहिए, लेकिन गीता फोगाट को क्यों नहीं भेजा गया उनकी सरकार के दौरान राज्यसभा में जब 2005 और 2010 में राष्ट्रमंडल खेल हुए थे, तब बबीता फोगाट ने रजत पदक जीता था और गीता फोगाट ने स्वर्ण पदक जीता था।
गीता ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली महिला पहलवान बनीं, उस समय हुड्डा की सरकार थी और गीता और बबीता को डीएसपी बनाया जाना था, लेकिन हुड्डा साहब ने भेदभाव किया और गीता को इंस्पेक्टर और बबीता को सब-इंस्पेक्टर बना दिया। इसके बाद हमने मामला दायर किया और मामला अदालत के माध्यम से सुलझ गया।
यह देश का दुर्भाग्य है कि खेल मंत्री कह रहे हैं कि 17 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। क्या 17 लाख रुपए खर्च कर इस देश के लिए सम्मान और मेडल आ जाएगा।