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कोविड के दौरान जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा, 10 हजार से ज्यादा परिवारों को मिलेगी मदद

हरियाणा सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को एक्सग्रेशिया ग्रांट देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत एक मार्च 2020 से प्रभावित कर्मचारियों के परिजनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार ने योजना में संशोधन कर इसे पहले की तारीख से लागू किया है। अब तक वित्तीय सहायता से वंचित रहे परिवारों को भी यह लाभ मिलेगा।

By Anurag Aggarwa Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 12 Nov 2024 07:59 PM (IST)
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कोविड के दौरान मारे गये सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को एक्सग्रेशिया ग्रांट
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में कोविड के दौरान जिन सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई। उनके परिजनों को प्रदेश सरकार एक्सग्रेशिया ग्रांट प्रदान करेगी। इसके अलावा, कोविड में मारे गये लोगों के ऐसे परिजन, जिन्हें अभी तक वित्तीय सहायता नहीं मिल पाई है, उन्हें भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

इसके लिए राज्य सरकार ने योजना में संशोधन किया है। पहले एक मार्च 2021 के बाद प्रभावित लोगों के परिजनों को एक्सग्रेशिया ग्रांट और वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रविधान था, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे एक मार्च 2020 से लागू कर दिया है।

प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने गंवाई जान

हरियाणा में कोरोना के दौरान 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दूसरी लहर में 16 विभागों के 250 कर्मचारी मारे गए थे। इनमें सैकड़ों कर्मचारी और लोग ऐसे थे, जिनकी मृत्यु कोरोना की पहली लहर के दौरान हुई थी। इसलिए उनके परिजन वित्तीय सहायता से वंचित हो रहे थे।

सांसदों और विधायकों के माध्यम से राज्य सरकार के पास जब यह समस्या पहुंची तो मुख्यमंत्री ने मानव संसाधन विभाग को योजना का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिये। राज्य सरकार के जो कर्मचारी कोराना काल के दौरान मारे गये हैं, उनमें 115 शिक्षक, 50 बिजली कर्मचारी और शहरी निकाय विभाग के 15 कर्मचारी शामिल हैं।

इन वर्गों में काम करने वाले कर्मचारियों की भी हुई मौत

इनके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के 10, परिवहन और शिक्षा विभाग के नौ, जन स्वास्थ्य, सिंचाई व बीएंडआर विभाग के भी नौ, राजस्व विभाग से पांच पटवारियों ने भी कोरोना काल में अपनी जान खोई है।

विश्वविद्यालयों में काम करने वाले पांच, वन विभाग के चार, पर्यटन विभाग के चार, एचएसवीपी के चार, महिला एवं बाल विकास विभाग से दो, मेवात मॉडल स्कूलों से दो, कृषि ग्रामीण विकास बैंक से दो व आइटीआइ से भी दो कर्मचारी कोरोना संक्रमण के कारण अपनी जान से हाथ धो बैठे।

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एक्सग्रेशिया ग्रांट के तहत नुकसान या दावों के लिए राहत प्रदान करने हेतु अनुग्रह मुआवजे का भुगतान किया जाता है। एक्सग्रेशिया पेमेंट कानून के तहत अनिवार्य नहीं है और यह सरकार के विवेक पर निर्भर करती है।

परिजनों को 50 लाख का मुआवजा

ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाई फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने राज्य सरकार के दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना में मारे गये कर्मचारियों की संख्या इससे भी अधिक है, जिसका पूरा आंकड़ा जारी किया जाना चाहिए।

लांबा ने उस समय अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाले नौकरियों से बर्खास्त किए ठेका कर्मचारियों को भी वापस काम पर लेने, सभी कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने, मेडिकल व पैरामेडिकल और स्पोर्टिंग स्टाफ के रिक्त पदों को भर कर सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने, निजीकरण व ठेका प्रथा समाप्त करने, नियमों में छूट देकर आपातकाल में बिना पैनल के अस्पतालों में ईलाज करवाने के बिलों को पास करने की भी मांग की है।

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