Haryana News: हरियाणा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का किया गठन, देश-विदेश में मिलेगी नई पहचान
हरियाणा सरकार ने गीता जयंती महोत्सव (International Geeta Jayanti Mela Authority) के बृहद आयोजन और मेलों के लिए प्राधिकरण बनाया है। मेला प्राधिकरण को चल-अचल संपत्ति जुटाने का अधिकार है। इससे राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। वहीं गीता भुक्कल प्राधिकरण को लेकर सवाल उठाया तो हरियाणा सीएम मनोहर लाल बोले हर चीज को घपलों से जोड़कर देखना ठीक नहीं है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के स्वरूप को बृहद आकार प्रदान करने और धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में विभिन्न अवसरों पर होने वाले मेलों के आयोजन को व्यापक बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का गठन किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले माह इसकी घोषणा की थी।
सोमवार को शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने विधानसभा में हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक 2024 पेश किया, जिसे चर्चा के उपरांत पास कर दिया गया। इस प्राधिकरण के बनने से न केवल विभिन्न मेलों में लोगों के लिए की जाने वाली सरकारी व्यवस्थाओं व सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को बड़ी पहचान मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को व्यापक स्वरूप प्रदान करेगी
हरियाणा विधानसभा में स्वीकृत बिल के अनुसार, मेला प्राधिकरण मेला प्रबंधन व संचालन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव को व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिए काम करेगा। प्राधिकरण को अपनी चल और अचल संपत्ति जुटाने का अधिकार होगा। इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि अभी तक ऐसे सभी आयोजनों के लिए सरकारी खजाने से धनराशि प्रदान की जाती है, लेकिन जब प्राधिकरण अपनी गतिविधियों का संचालन आरंभ कर देगा तो उसे मिलने वाले राजस्व से भविष्य की गतिविधियों को संचालित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे, जबकि उपाध्यक्ष शहरी निकाय मंत्री होंगे।
1989 से मनाया जा रहा गीता जयंती महोत्सव
झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने इस बिल पर बोलते हुए सदन में कहा कि गीता जयंती समारोह पहले भी मनाते रहे हैं। 1989 से कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड गीता जयंती महोत्सव मनाता आ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को इस आयोजन के लिए अलग से प्राधिकरण बनाने की कोई जरूरत नहीं थी, जबकि केडीबी सही काम कर रहा है।
नए बिल में प्राधिकरण मुखिया बने सीएम
केडीबी के प्रशासक राज्यपाल होते हैं, जबकि नए बिल में प्राधिकरण का मुखिया मुख्यमंत्री को बनाया गया है। इसके जवाब में शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि अब गीता जयंती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाई जाती है, जबकि केडीबी अपने क्षेत्र से बाहर जाकर काम नहीं कर सकता। नई अथॉरिटी बनाना गलत नहीं है, क्योंकि कई राज्यों में पहले से ऐसा हो रहा है। नई अथॉरिटी के गठन से गीता जयंती महोत्सव को दुनिया मे तेजी से पहचान मिलेगी।
विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि पहले जो घपले हो चुके हैं, उनका क्या होगा, जिस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नाराजगी जताते हुए जवाब दिया कि हर चीज को घपले-घोटालों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। नया प्राधिकरण बनाने से केडीबी की व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह जैसे काम करता है, आगे भी करता रहेगा। दूसरी तरफ, गायत्री ज्योतिष अनुसंधान संस्थान कुरुक्षेत्र के संचालक आचार्य डॉ. रामराज कौशिक ने प्रदेश सरकार के इस फैसले की सराहना की है।
गीता जयंती से देश-विदेश में होगा प्रचार प्रसार
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में साल में कई बार लगने वाले मेलों तथा गीता जयंती महोत्सव के देश-विदेश में प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभा सकेगा। डॉ. रामराज कौशिक ने सुझाव दिया कि मेला प्राधिकरण में धर्म मर्मज्ञ विद्धानों को भी शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि जिस उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है, वह केवल शासनिक व प्रशासनिक अधिकारियों के बूते नहीं छोड़ा जाना चाहिए। धर्म विद्वानों को प्राधिकरण में शामिल होने का बड़ा फायदा यह होगा कि गीता जयंती महोत्सव के आयोजन की तारीखों और धार्मिक व्यवस्थाओं तथा रीति-रिवाज में किसी तरह का असमंजस नहीं रह पाएगा।
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