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हरियाणा सरकार का फैसला, दूसरे राज्‍यों के युवाओं को भी नौकरियों में मिलेंगे सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के अंक

Haryana News दूसरे राज्‍यों के युवाओं को नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के अंक मिलेंगे। अभी तक ये अतिरिक्त अंक केवल हरियाणा के निवासियों के लिए थे। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर जानकारी दी। सरकार की तरफ से यह हलफनामा अर्पित गहलोत द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दायर किया गया। हरियाणा बिजली विभाग असिस्टेंट इंजीनियर के 143 पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 30 Sep 2023 02:35 PM (IST)
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दूसरे राज्‍यों के युवाओं को भी नौकरियों में मिलेंगे सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के अंक
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़: हरियाणा से बाहर के निवासियों को भी अब विभिन्न श्रेणियों के लिए राज्य सरकार की नौकरियों में राज्य द्वारा निर्धारित सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के अंकों का लाभ मिलेगा। अभी तक ये अतिरिक्त अंक केवल हरियाणा के निवासियों के लिए थे।

इस संबंध में एक हलफनामा हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएनएल), पंचकूला की अवर सचिव नवीन कुमारी ने इस मुद्दे पर लंबित एक याचिका के जवाब में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष दिया है।

गैर-हरियाणा उम्‍मीदवारों के लिए भी बढ़ा वेटेज

हलफनामे में हाई कोर्ट को बताया गया कि मुख्य सचिव हरियाणा ने अधिकारियों के साथ उचित विचार-विमर्श के बाद इसे मंजूरी दे दी थी व संशोधित अधिसूचना जारी कर सामाजिक-आर्थिक मानदंडों और अनुभव का वेटेज गैर-हरियाणा अधिवासी उम्मीदवारों के लिए भी बढ़ा दिया गया।

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हाई कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि 12 सितंबर को एचवीपीएनएल में सहायक अभियंता के पद पर आवेदन करने के लिए पात्र उम्मीदवारों, जो गैर-हरियाणा अधिवासी उम्मीदवार थे और सामाजिक आर्थिक मानदंडों के तहत अंकों के लिए पात्र हैं, को बुलाने के लिए एक शुद्धि पत्र भी जारी किया गया है।

इंजीनियर के 143 पद के लिए जारी किया गया था विज्ञापन

सरकार की तरफ से यह हलफनामा अर्पित गहलोत द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका के अनुसार हरियाणा बिजली विभाग असिस्टेंट इंजीनियर के 143 पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन के अनुसार सामाजिक-आर्थिक आधार पर 10 अंक व अनुभव के 10 अंक देने का प्रविधान था। याची ने कहा कि यह दोनों प्रविधान केवल हरियाणा के मूल निवासियों के लिए रखे गए हैं।

दूसरे राज्‍यों के आवेदकों को किया जा रहा वंचित

इस प्रकार से तो संविधान के प्रविधान का उल्लंघन कर दूसरे राज्यों के आवेदकों को वंचित किया जा रहा है। संविधान के अनुसार देश में केवल एक ही नागरिकता है और वह भारत देश की है। इस प्रकार सार्वजनिक नियुक्तियों में राज्य के लोगों के लिए आरक्षण का प्रविधान करना देश के संविधान के खिलाफ है।

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याची पक्ष की दलीलों से प्राथमिक तौर पर सहमति जताते हुए हाई कोर्ट ने भर्ती में इन 20 अंकों के लाभ को निलंबित कर कर सरकार से जवाब तलब किया था।

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