Haryana News: 10 जिलों में वैट रिफंड घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट देने में विफल रही हरियाणा सरकार, हाईकोर्ट ने कही ये बात
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 10 जिलों में हुए वैट रिफंड घोटाले की जांच के बाद स्टेटस रिपोर्ट न देने पर हरियाणा सरकार पर सख्ती दिखाई है। इस मामले पर हाईकोर्ट ने फैसला लेते हुए कहा कि अगर स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं की गई तो कोर्ट उचित आदेश जारी कर सकता है। बता दें कि 10618 करोड़ रुपये के वैट घोटाले को हरियाणा सरकार ने नकारा था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी हरियाणा राज्य सरकार 10 जिलों में हुए वैट रिफंड घोटाले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में देने में विफल रही। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट से समय देने की मांग की। सरकार के इस आग्रह पर जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस विक्रम अग्रवाल की खंडपीठ ने सरकार को अगली सुनवाई से एक सप्ताह पूर्व रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने साफ करते हुए कहा कि अगर रिपोर्ट दायर नहीं की गई तो कोर्ट उचित आदेश जारी कर सकता है। एक सुनवाई पर 10 हजार 618 करोड़ के घोटाले के दावे को जहां हरियाणा सरकार ने नकार दिया था, वहां ईडी ने हर मामले की जांच को जरूरी बताया था। ईडी ने बताया था कि इस मामले में 74 एफआईआर दर्ज की थी और इनमें से सात में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की गई है और 20 में चालान पेश किया जा चुका है।
छोटे व्यापारियों पर कार्रवाई करने के आरोप
इसी मामले में कैथल निवासी रघबीर सिंह और अन्य ने कोर्ट को बताया था कि हरियाणा सरकार वैट घोटाले में छोटे व्यापारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई कर रही है लेकिन जिनके खिलाफ लोकायुक्त ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, उनको सरकार बचा रही है। सरकार छोटे व्यापारियों के खिलाफ काफी संख्या में एफआईआर दर्ज कर रही है, जिससे असली दोषियों को बचाया जा सके।
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हरियाणा सरकार के जवाब में संदेह
हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से जब यह पूछा कि उसने लोकायुक्त की एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की हैं तो इस पर सरकार ने जवाब दायर कर कहा कि लोकायुक्त की एसआईटी ने इस मामले में सनसनी फैलाने के लिए उसे बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। इस पर याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप रापडिया ने कोर्ट को कहा कि इस मामले में हरियाणा सरकार का जवाब संदेह पैदा करता है क्योंकि खुद हरियाणा सरकार यह कह चुकी है कि 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिकवरी की जा चुकी है तो ऐसे में लोकायुक्त की एसआईटी पर सरकार की ऐसी टिप्पणी उचित नहीं है।
हरियाणा में साल 2004 से चर्चित वैट घोटाले की जांच हाई कोर्ट के आदेश पर विशेष रूप से गठित कमेटी ने की थी। इस जांच में 10 हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ था और इसमें अनेक बड़े व्यापारियों और बिल्डरों के शामिल होने के संकेत मिले थे।
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