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Chandigarh: सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर हरियाणा सरकार ने HC ने दाखिल किया नया एफिडेविट, शुक्रवार को होगी सुनवाई

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर सरकार ने हाई कोर्ट में नया एफिडेविट दाखिल किया है। इसकी सुनवाई कल यानी शुक्रवार को होगी। सीएम बोले कि प्रदेश में साढ़े 14 हजार स्कूल इनमें 1800 स्कूलों में कुछ कमियां सामने आई थी जिन्हें ठीक कर लिया है। इसके बाद तुरंत प्रभाव से संबंधित स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तीन किस्तों में राशि जारी की थी।

By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 09:01 PM (IST)
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सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर हरियाणा सरकार ने HC ने दाखिल किया नया एफिडेविट (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में बिजली-पानी और शौचालयों सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की जो कमियां थी, उन्हें दुरुस्त कर दिया गया है। सरकार ने स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में वस्तु स्थिति की जानकारी देते हुए नया एफिडेविट दाखिल कर दिया गया है। मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में करीब साढ़े 14 हजार स्कूल हैं, जिनमें 1800 स्कूलों में कुछ कमियां सामने आई थी। इनमें से 131 स्कूलों में पेयजल नहीं होने, 1047 स्कूलों में लड़कों और 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं होने तथा 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं होने की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद तुरंत प्रभाव से संबंधित स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तीन किस्तों में राशि जारी कर दी गई थी।

सरकार ने हाई कोर्ट में दाखिल किया नया एफिडेविट

वर्तमान में सभी स्कूलों में बिजली, पेयजल और शौचालयों की व्यवस्था कर दी गई है, जहां पर जो कमियां थी, वह हमने दूर कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक शिक्षा विभाग के लिए आवंटित बजट में से 10 हजार 676 करोड़ रुपये वापस करने की बात है तो बजट पूर्वानुमान और वास्तविक खर्च में हमेशा 10 से 12 प्रतिशत का अंतर होता ही है, यह सामान्य बात है।

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यह है मामला

दरअसल, साल 2016 में कैथल जिले के बालू गांव के सरकारी स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी और जर्जर भवन को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। मामले में पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तलब किया था। सरकार ने जुर्माना राशि जमा करते हुए नया एफिडेविट हाई कोर्ट में दाखिल कर दिया है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

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