Haryana News: हरियाणा सरकार ने बढ़ाई मेयर की शक्तियां, अब इन कर्मचारियों को भी कर सकेंगे निलंबित
हरियाणा सीएम मनोहर लाल (Haryana CM Manohar Lal) ने मेयर की शक्तियों में इजाफा करते हुए जेई समेत ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को निलंबित करने की पावर दे दी है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने मेयरों के लिए विकास कार्यों के लिए स्वीकृत धनराशि को 2.5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की भी घोषणा की है।
By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 10:04 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहरों की छोटी सरकार के लिए सत्ता का विकेंद्रीयकरण करने की कड़ी में एक ओर पहल की है। उन्होंने राज्य में नगर निगमों के मेयर को जूनियर इंजीनियर (जेई) सहित ग्रुप सी और डी के लापरवाह और भ्रष्ट कर्मचारियों को सस्पेंड करने की पावर दी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बैठक में मेयरों के लिए विकास कार्यों हेतु प्रशासनिक स्वीकृति को 2.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को राज्य के नगर निगमों के मेयरों और सीनियर डिप्टी मेयरों के साथ बैठक की। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता इस बैठक में खासतौर से मौजूद रहे। पहले तो मुख्यमंत्री ने सभी मेयरों और डिप्टी मेयरों की बात सुनी। फिर प्रत्येक समस्या का समाधान पेश किया।
सरकार करवाएगी कालोनियों का सर्वे
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि मेयर एक बड़े क्षेत्र का चुना हुआ प्रतिनिधि होता है। हमारी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में पंचायती राज संस्थाओं के लिए भी सत्ता का विकेंद्रीयकरण कर कईं प्रकार के अधिकार दिए हैं। पहले की सरकारों में सत्ता का केंद्रीयकरण होता था, जबकि हमने सत्ता का विकेंद्रीयकरण किया है।मुख्यमंत्री ने बैठक में मेयरों को जानकारी दी कि नगर निगमों का दायरा बढने से कईं गांव इसमें शामिल हुए हैं तथा इन गांवों में लाल डोरे के दायरे से बाहर कई कालोनियां बन गई हैं, जिसमें कृषि भूमि भी शामिल है और इस पर नगर निगमों द्वारा लगभग चार करोड़ रुपये का संपत्ति कर लगाया गया है, जिसे लौटाना होगा, क्योंकि कृषि भूमि पर किसी प्रकार का संपत्ति कर नहीं लगाया जा सकता। सरकार द्वारा इन कालोनियों का सर्वे करवाया जाएगा ताकि वहां की संपत्तियों का भी क्रय विक्रय हो सके।
नगर निगमों को आवंटित होंगे 600 से 700 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री ने मेयरों को बताया कि बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शहरों के लिए कईं महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उनके क्रियान्वयन में मेयरों और पार्षदों की बड़ी भूमिका होगी। वे लोगों को इस बारे में जागरुक करें जिससे मॉडल टाउन जैसी पुरानी कालोनियों में चल रही शापिंग माल जैसी गतिविधियों को कानूनी रूप में नियमित करवाया जा सके।मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग की तरफ से नगर निगमों को तीसरी तिमाही का 600 से 700 करोड़ रुपया आवंटित किया जाना है। मेयर अपने क्षेत्र के विकास कार्यों का अनुमान तैयार करें और शीघ्र ही इसे सरकार को भिजवाएं। विकास कार्यों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। अभी हाल ही में सरकार द्वारा 404 कालोनियां नियमित की गई हैं, जिनमें से 151 कालोनियां नगर निगमों के अंतर्गत आती हैं।
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