आइएएस अशोक खेमका पर मुकदमा चलाने की सरकार ने अभी नहीं दी इजाजत, हाई कोर्ट से मांगा और समय
हरियाणा भंडारण निगम में भर्ती के मामले में सरकार ने कोर्ट को बताया कि अभी तक वरिष्ठ आइएएस अशोक खेमका के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी गई है। सरकार ने मामले में जवाब के लिए और समय मांगा है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 06 Aug 2022 03:40 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी अशोक खेमका पर पंचकूला में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में दर्ज एफआइआर को चुनौती देने वाली याचिका पर हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में मुकदमा चलाने की इजाजत सरकार ने अभी तक नहीं दी है। कोर्ट ने इस मामले में जवाब दायर करने के लिए कुछ समय की भी मांग की।
सरकार के इस जवाब पर कोर्ट ने खेमका की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश जारी रखते हुए मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक स्थगित कर दी। खेमका के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी।
हरियाणा भंडारण निगम में प्रबंधक के पद पर हुई भर्ती में कथित घोटाले की बात उजागर हुई थी। इस मामले में निगम के एमडी संजीव वर्मा ने पंचकूला पुलिस को शिकायत दी थी।
शिकायत को आधार बनाते हुए पंचकूला पुलिस ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में केस दर्ज किया था। इस मामले में खेमका का नाम सामने आया था, क्योंकि भर्तियों के समय अशोक खेमका एमडी थे। इस मामले में एफआइआर को रद करने की अपील करते हुए अशोक खेमका ने हाई कोर्ट की शरण ली है।
याचिका में एफआइआर को रद करने की अपील करते हुए खेमका ने दलील दी कि वह प्रथम श्रेणी अधिकारी हैं और सेवा नियमों के तहत उन पर सीधे एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती व इससे पूर्व सरकार की इजाजत लेनी जरूरी है । खेमका ने कहा कि उनके खिलाफ यह एफआइआर रंजिश में करवाई गई है।
हाई कोर्ट ने इस मामले में अब हरियाणा सरकार व हरियाणा वेयरहाउसिंग कर्पोरेशन व संजीव वर्मा को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हुआ है।
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