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Haryana News: हरियाणा सरकार की नई पहल, पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्रों का होगा सर्वे; दिलाया जाएगा स्कूलों में दाखिला

हरियाणा सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक अहम प्रयास करने जा रही है। इसके चलते 9 दिन तक शिक्षक और वालंटियर घर-घर जाकर ड्राप आउट बच्चों का डाटा तैयार करेंगे। साथ ही उनका फोकस प्रवासी और श्रमिक परिवारों के बच्चों पर ज्यादा रहेगा। सर्वे के बाद सभी ब्लॉक की रिपोर्ट को जिला मुख्यालय में भेजा जाएगा। इसके बाद ड्रॉप आउट बच्चों को दोबारा दाखिला दिलाया जाएगा।

By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 19 Nov 2023 07:30 PM (IST)
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पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्रों का होगा सर्वे; हरियाणा सरकार दिलाएगी दोबारा स्कूलों में दाखिला (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में स्कूली पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले छात्रों का सर्वे होगा। नए सत्र में ड्राप आउट बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने की योजना बनाई गई है। पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग का सर्वे सोमवार को शुरू होगा, जो नौ दिन तक चलेगा। सर्वे के दौरान शिक्षक और वालंटियर घर-घर जाकर शिक्षा छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार करेंगे। ज्यादा फोकस श्रमिक और प्रवासी मजदूरों के परिवारों पर रहेगा।

शिक्षा विभाग की महानिदेशक आशिमा बराड़ ने जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए स्कूल न जाने वाले और ड्राप आउट बच्चों की पहचान करने के लिए सर्वे किया जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी बच्चों का स्कूलों में नामांकन और नियमित उपस्थिति जरूरी है। लिहाजा स्कूल स्तर पर शिक्षक और वालंटियर घर-घर जाकर सात से 14 आयु वर्ग और 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चों का डाटा तैयार करेंगे।

शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों का स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पा रहे हैं। अभी भी बहुत से बच्चे शिक्षा की डगर नहीं पकड़ पा रहे हैं। अलबत्ता शिक्षण ग्रहण न करने वाली श्रेणी के बच्चों की पहचान जरूरी है। इनमें प्रमुख रूप से एससी व एसटी वर्ग के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चे, भिखारी, अनाथ, बेघर, प्रवासी और आदिवासी समूहों की आबादी क्षेत्र में अभी भी बच्चे शिक्षा की ओर कदम नहीं बढ़ा पा रहे हैं। ऐसे में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए स्कूल छोड़ने वाले व ड्राप आउट बच्चों की पहचान करने के लिए सर्वे कर डाटा तैयार किया जाएगा।

यह रहेगा सर्वे का शेड्यूल

स्कूल लेवल-20 से 28 नवंबर एजुकेशन वालंटियर घर-घर जाकर करेंगे सर्वे।

कलस्टर लेवल -29 से 30 नवंबर कलस्टर स्तर पर स्कूलों की भेजी रिपोर्ट होगी कंपाइल

ब्लाक लेवल -1 से 2 दिसंबर कलस्टर रिपोर्ट को कंपाइल करे जिला मुख्यालय भेजना

जिला लेवल -4 से 5 दिसंबर सभी ब्लाकों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजना

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विद्यालय प्रमुख ग्राम पंचायत और सामाजिक संस्थाओं के साथ बनाएंगे समन्वय

शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी पत्र में विद्यालय प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ड्राप आउट सर्वे के लिए ग्राम पंचायत और सामाजिक संस्थाओं के साथ समन्वय बैठक करेंगे और शैक्षिक स्वयंसेवकों और गांव स्तर पर काम करने वाली सामाजिक संस्था के साथ मिलकर ड्राप आउट बच्चों के स्थानों को चिह्नित किया जाएगा। सर्वे में शिक्षकों की भी भागीदारी अहम रहेगी।

अहम पहलू यह है कि शिक्षक व शैक्षिक स्वयं सेवकों द्वारा एकत्रित किए गए ड्राप आउट बच्चों का डाटा सरपंच या फिर विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा सत्यापित किया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल प्रमुख छह से सात साल के आयु वर्ग के बच्चों का डाटा एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करेंगे। इसके बाद बच्चों को सीधा स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। वहीं, प्राथमिक स्तर पर सात से 14 वर्ष तथा 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चों को विशेष प्रशिक्षण के लिए माध्यमिक स्तर पर सूचीबद्ध किया जाएगा।

एडीसी होंगे नोडल अधिकारी

शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए ड्राप आउट बच्चों के सर्वे का नोडल अधिकारी एडीसी को नियुक्त किया गया है। एडीसी जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारी सहित कलस्टर प्रमुख और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बैठक आयोजित कर सर्वे की रूप रेखा तैयार करेंगे। बीईओ अपने ब्लाक के नोडल अधिकारी होंगे। कलस्टर प्रमुख सभी स्कूल प्रमुखों से समन्वय स्थापित करेगा और स्कूल में कार्यरत शिक्षकों की संख्या के आधार पर प्रत्येक स्कूल के आसपास का क्षेत्र आवंटित किया जाएगा।

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