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नूंह हिंसा के बाद बुलडोजर कार्रवाई से जुड़ी याचिका HC ने की खारिज, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

Nuh Violence News हरियाणा हाई कोर्ट ने नूंह हिंसा के बाद की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर दायर याचिका का निपटारा कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर 2024 को आदेश जारी कर दिया है कि उनके आदेश के बिना बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी। ऐसे में अब इस याचिका का कोई औचित्य नहीं है।

By Dayanand Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 05 Nov 2024 07:08 PM (IST)
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नूंह हिंसा के बाद बुलडोजर कार्रवाई से जुड़ी याचिका HC ने की खारिज
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Nuh Violence: नूंह में हुई हिंसा के बाद सैकड़ों निर्माण पर की गई कार्रवाई को संभवत: जातीय सफाए बताते हुए मामले में लिए गए संज्ञान का मंगलवार को हाई कोर्ट ने निपटारा कर दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 17 सितंंबर 2024 को आदेश जारी कर चुका है कि उनके आदेश के बिना बुलडोजर कार्रवाई नहीं होगी, ऐसे में अब इस याचिका का कोई औचित्य नहीं है।

हाई कोर्ट के जस्टिस जी. एस संधावालिया व जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन पर आधारित बेंच ने नूंह में हुई हिंसा के बाद इमारतों पर बुलडोजर कार्रवाई पर अगस्त 2023 को संज्ञान लिया था।

कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी कार्रवाई

हाई कोर्ट ने निर्माण गिराने पर रोक लगाते हुए तोड़े गए निर्माणों की जानकारी तलब की थी और हरियाणा सरकार से पूछा था कि क्या तय कानूनी प्रक्रिया के तहत यह कार्रवाई की जा रही है।

कोर्ट ने कहा था कि ऐसी परिस्थितियों में हम राज्य को नोटिस जारी करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि यह हमारे संज्ञान में आया है कि हरियाणा राज्य अनावश्यक बल का प्रयोग कर रहा है।

कोर्ट ने कहा था कि कहीं कानून-व्यवस्था की समस्या की आड़ में किसी विशेष समुदाय की इमारतों को तो नहीं गिराया जा रहा है और क्या यह राज्य द्वारा जातीय सफाए की कवायद तो नहीं है।

हाई कोर्ट ने अब इस मामले का निपटारा सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन को लेकर जारी अंतरिम आदेश के आधार पर कर दिया है।

नूंह में क्या हुआ था

31 अगस्त, 2024 को हरियाणा के नूंह (Nuh Violence) में उस दौरान हिंसा भड़क गई जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ता भगवा यात्रा निकाल रहे थे। इस हिंसा में आगजनी, गाडियों में तोड़फोड़, गोलीबारी जैसी घटनाएं सामने आई।

नूंह में हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 2 होमगार्ड के जवान और 4 आम नागरिक शामिल हैं। कई घायलों को नल्हड़ और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गय। क्षेत्र में हालातों को सामान्य करने के लिए केंद्र की ओर से 30 और 20 पैरामिलिट्री फोर्स की यूनिट दी गई थी। इस हिंसा में कुल 116 लोगों की गिरफ्तरी हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इलाके में शांति बनाने की लोगों से अपील भी की।

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