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Chandigarh: किशाऊ बांध की तकनीकी व कानूनी अड़चनें मिलकर दूर करेंगे हरियाणा-हिमाचल, कमेटियां बनाने पर हुई सहमति

अंतरराज्यीय विवादों को सुलझाने पर हिमाचल प्रदेश और हरियाणा की सरकारें सहमत हो गई हैं। दोनों राज्य अलग-अलग तकनीकी कमेटियां बनाने पर राजी हो गई हैं। हिमाचल ने हरियाणा से पंचकूला में मरीजों के भवन के लिए जमीन मांगी है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने किशाऊ डैम की बिजली खरीदने की इच्छा जताई है। हरियाणा ने कहा कि 35 फीसदी पानी को कवर करने के लिए डैम जरूरी है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 10 Jan 2024 10:26 PM (IST)
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किशाऊ बांध की तकनीकी व कानूनी अड़चनें मिलकर दूर करेंगे हरियाणा-हिमाचल (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारें अंतरराज्यीय मुद्दों और विवादों को सुलझाने पर सहमत हो गए हैं। हिमाचल की सीमा पर बनाए जाने वाले किशाऊ बांध के निर्माण में तकनीकी व कानूनी बाधाओं को दूर करने पर दोनों राज्यों में सहमति बनी है।

केंद्र सरकार के सहयोग से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों के किशाऊ बांध बनवाना है, जो कि 5400 एकड़ जमीन में बनेगा और उस पर सात से आठ हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। किशाऊ बांध के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने हेतु दोनों राज्यों की कमेटियां बनाने पर सहमति हुई है।

विपक्षी सरकार के बावजूद भी दोनों राज्यों में विवाद नहीं

हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में बुधवार को दोनों राज्यों में काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, जबकि हरियाणा में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद दोनों राज्यों में अंतरराज्यीय मसलों को लेकर बहुत अधिक विवाद नहीं है।

हरियाणा ने जब पंजाब से एसवाईएल नहर का पानी प्राप्त करने के लिए वैकल्पिक रास्ता चुनने की बात कही थी, तब हिमाचल प्रदेश की सरकार ने इसमें रुचि दिखाई थी। हालांकि बाद में हरियाणा की ओर से ऐसे कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए और एसवाईएल नहर के निर्माण से लेकर पानी प्राप्त करने तक कानूनी रास्ता ही अपनाने पर जोर दिया।

हरियाणा में पानी की कमी का उठाया था मुद्दा

चंडीगढ़ में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव संजीव कौशल और हिमाचल प्रदेश की ओर से वहां के मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना ने भागीदारी की। सिंचाई, वित्त और बिजली विभाग के अधिकारी भी इस मीटिंग में शामिल हुए। हरियाणा ने बैठक में अपने राज्य में पानी की कमी का मुद्दा उठाया।

35 फीसदी पानी को कवर करने के लिए डैम जरूरी

हरियाणा की ओर से कहा गया कि यदि किशाऊ डैम बन जाए तो हथनीकुंड बैराज से क्रास होने वाला पानी रोका जा सकेगा। पहाड़ों से आने वाला 65 प्रतिशत पानी अलग-अलग चैनलों के माध्यम से कवर हो जाता है, लेकिन बाकी बचे 35 प्रतिशत पानी को कवर करने के लिए किशाऊ डैम का जल्दी बनना जरूरी है। इससे यमुना में आने वाली बाढ़ को भी रोकने में मदद मिलेगी तथा बरसात व बाढ़ के दिनों में अतिरिक्त पानी दिल्ली जाने से रोका जा सकेगा, जो कि वहां नुकसान करता है।

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हिमाचल सरकार पंचकूला में मरीजों के लिए निर्माण करना चाहती भवन

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव की ओर से कहा गया कि पीजीआई चंडीगढ़ समेत यहां सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में हिमाचल प्रदेश के हजारों-लाखों लोग इलाज के लिए आते हैं, लेकिन उनके रुकने का इंतजाम नहीं होता। चंडीगढ़ में ऐसे मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए रुकना काफी खर्चीला होता है। इसलिए हिमाचल प्रदेश की सरकार चंडीगढ़ या पंचकूला में एक भवन का निर्माण करना चाहती है, जिसमें लोग रुक सकें।

इसके लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा कि हमारे अधिकारियों की टीम ने पंचकूला में तीन से चार जगह चिन्हित की है। इन जमीनों के प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश की सरकार की ओर से हरियाणा सरकार को दे दिए जाएंगे। तब हरियाणा सरकार किसी एक जगह को मंजूरी प्रदान कर सकती है।

हरियाणा सरकार ने किशाऊ डैम की बिजली खरीदने की जताई इच्छा

बैठक में किशाऊ डैम में बनने वाली बिजली की खरीद की इच्छा हरियाणा सरकार ने जताई है, जिस पर हिमाचल प्रदेश की ओर से कहा गया कि तब के मानदंडों के हिसाब से समझौता होने पर हमें कोई ऐतराज नहीं है। इस डैम से हरियाणा पांच सौ से छह सौ मेगावाट तक बिजली खरीद की इच्छा रखता है। बैठक में तय हुआ कि अंतरराज्यीय मसलों के समाधान के लिए दोनों राज्य सरकारों की ओर से लिखित प्रस्ताव और प्रतिवेदनों का आदान प्रदान किया जाए, जिससे उन पर विधिवत रूप से आगे बढ़ा जा सके।

बैठक के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है। इस बातचीत के जल्दी ही अच्छे नतीजे आने की संभावना है। किसी भी अंतरराज्यीय मुद्दे पर दोनों राज्यों के अधिकारियों में कहीं किसी तरह के असमंजस की स्थिति नहीं थी।

दोनों राज्य अलग-अलग बनाएंगे तकनीकी कमेटियां

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना ने कहा कि बैठक बहुत सार्थक हुई है। किशाऊ पावर प्रोजेक्ट में हम पार्टनर स्टेट हैं। उससे सप्लाई होने वाली बिजली को लेकर कुछ अस्पष्टताएं थी, उन्हें दूर करने को लेकर बातचीत हुई है। इस मुद्दे के समाधान के लिए दोनों राज्यों की अलग-अलग तकनीकी कमेटियां बनाने पर सहमति हुई है, जो तकनीकी पहलुओं की खामियों को दूर करने का काम करेंगी।

चंडीगढ़ आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों के ठहरने के लिए हिमाचल भवन जैसा कुछ बनाने के लिए हमने तीन चार जगह के विकल्प हरियाणा सरकार को दिए हैं। हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों का एक ग्रुप जगह देखने के लिए पंचकूला का दोबारा दौरा करेगा, जो एक जगह तय करेगा।

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