Haryana News: गृहमंत्री अनिल विज ने दिखाई सख्ती, 372 जांच अधिकारी निलंबित; DSP पर भी गिर सकती है गाज
हरियाणा पुलिस (Haryana Police) के जांच अधिकारियों पर गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 372 आईओ को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही अनिल विज ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि एक माह के भीतर संबंधित डीएसपी को वो सभी 3229 एफआईआर फाइनल डिस्पोजल के लिए स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फाइनल न करने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज प्रदेश की पुलिस जांच प्रणाली से खुश नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते गृहमंत्री विज ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 372 जांच अधिकारियों (आईओ) को निलंबित करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने पत्र में बताया कि बीते एक साल से 3229 केस पेंडिंग में पड़े हैं, जिनका सटीक स्पष्टीकरण न देने के बाद ये कार्रवाई अमल में लाई गई है।
गृहमंत्री अनिल विज ने आज इस बारे में एक पत्र पुलिस महानिदेशक को लिखा है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 11 मई, 2023 को पत्र लिखकर सूचना भी मांगी गई थी। 3229 केस एक साल से पेंडिंग थे, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर निलंबन के आदेश जारी किए गए हैं।
प्रदेश के जिन विभिन्न जिलों में 372 जांच अधिकारी (आईओ) को निलंबित किया गया है। उनमें गुरुग्राम में 60, फरीदाबाद 32, पंचकूला 10, अम्बाला 30, यमुनानगर 57, करनाल 31, पानीपत 3, हिसार 14, सिरसा 66, जींद 24, रेवाड़ी 5, रोहतक 31 और सोनीपत में 9 आईओ शामिल हैं।
एक साल से पेंडिंग थे 3229 केस
पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र के अनुसार, गृहमंत्री विज ने बताया है कि प्रदेश में दर्ज एफआईआर के शीघ्र निस्तारण के लिए उनके द्वारा कई बार कहा गया है। पिछले महीने मैंने आदेश दिया था कि उन सभी आईओ से स्पष्टीकरण मांगा जाए जिन्होंने एक वर्ष में एफआईआर का निपटारा नहीं किया है। इन मामलों की संख्या बहुत अधिक थी जो लगभग 3229 से ऊपर है।
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डीएसपी पर भी गिर सकती है गाज
विज ने पत्र में दुख जताते हुए कहा है कि उनके निर्देश के बावजूद अभी भी 372 आईओ ऐसे हैं जिन्होंने मामलों का अंतिम रूप से निपटारा नहीं किया है और उनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं हैं। वे लोगों को उनकी शिकायतों पर कार्रवाई के लिए एक जगह से दूसरे जगह तक भटकने पर मजबूर कर रहे हैं जोकि बेहद गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
इन सभी जांच अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए और उनके मामलों को एक महीने में अंतिम निपटान के लिए संबंधित डीएसपी को स्थानांतरित कर दिया जाए, अन्यथा उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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