Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana Lok Sabha Election Result 2024: ताऊ देवीलाल के परिवार का सूपड़ा साफ, बेटे-बहू सभी की हुई हार

पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के चार सदस्य मैदान में थे लेकिन नतीजों ने जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जननायक जनता पार्टी की प्रत्याशी नैना चौटाला और इंडियन नेशनल लोकदल की प्रत्याशी सुनैना चौटाला जमानत भी नहीं बचा पाईं। कुरुक्षेत्र में इनेलो के प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला भाजपा के उम्मीदवार नवीन जिंदल और आइएनडीआइए गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता के सामने कहीं नहीं टिके।

By Rajiv Mishra Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 05 Jun 2024 08:47 AM (IST)
Hero Image
ताऊ देवीलाल के चारों सदस्य चुनाव हारे (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता,चंडीगढ़। हरियाणा लोकसभा चुनाव में पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल के परिवार का सूपड़ा साफ हो गया है। प्रदेश के सबसे पुराने राजनीतिक घराने के चार सदस्य चुनावी रण में थे और चारों ही चारों खाने चित्त हो गए।

हिसार लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और नायब सरकार में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ही कांग्रेस के विजेता उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को टक्कर दे पाए। जबकि जननायक जनता पार्टी (जजपा) की प्रत्याशी नैना चौटाला और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की प्रत्याशी सुनैना चौटाला जमानत भी नहीं बचा पाईं।

कुरुक्षेत्र में इनेलो के प्रत्याशी और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला भाजपा के विजेता उम्मीदवार नवीन जिंदल और आइएनडीआइए गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता के सामने कहीं नहीं टिके।

ताऊ देवीलाल के चारों बेटों की राहें जुदा हैं

ताऊ देवीलाल के चार बेटे ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला हैं। चारों की ही राजनीतिक राहें जुदा हैं। संसद पहुंचने की चाह में रणजीत चौटाला जहां विधायक पद से इस्तीफा देकर हिसार से चुनावी मैदान में उतरे थे।

उनकी टक्कर में पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मां और पूर्व सांसद डा. अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला तथा प्रताप चौटाला की पुत्रवधू और रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला सामने थी। अजय चौटाला और अभय चौटाला के लिए हिसार की परंपरागत सीट नाक का सवाल बनी थी लेकिन नतीजों ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

यह भी पढ़ें- Gurgaon Seat Result 2024: गुड़गांव सीट जीतकर भी क्यों हार गए राव इंद्रजीत? 20 सालों बाद भी ये सपना रह गया अधूरा

इनेलो की मान्यता पर खतरा बढ़ा

वर्तमान में हरियाणा में इनेलो और जजपा ही दो क्षेत्रीय दल हैं लेकिन अब ये दोनों अस्तित्व बचाए रखने के लिए जूझ रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर के बावजूद हिसार और सिरसा में शानदार जीत दर्ज करने वाला इनेलो पिछले लोकसभा चुनाव में 1.89 प्रतिशत और विधानसभा चुनाव में 2.44 प्रतिशत वोट पर सिमट गया था। इस बार भी इनेलो दो प्रतिशत वोट नहीं ले पाया।

यह भी पढ़ें- Faridabad Chunav Result: इनेलो के अभय और दुष्यंत चौटाला को चुनाव परिणाम ने किया निराश, विधानसभा इलेक्शन पर पड़ेगा ये असर

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर