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Haryana News: कौन हैं वो 10 और फसलें, जो MSP में हुईं शामिल, एक सप्ताह में मिलेगी मुआवजा राशि, CM सैनी के 4 बड़े फैसले

Haryana News हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। सीएम के चार बड़े फैसले से किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। रैली के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी में बिचौलियों की भूमिका को खत्म करते हुए बिना भेदभाव के मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर 141000 युवाओं को नौकरी दी हैं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 05 Aug 2024 02:32 PM (IST)
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Haryana News: सीएम नायब सैनी ने किसानों को किया गदगद, किसानों में खुशी।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरकार अब 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) करेगी। 14 फसलें पहले से एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं और 10 नई जोड़ी गई हैं। यह घोषणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित विजय शंखनाद रैली में की।

किसानों के लिए अन्य बड़ी घोषणाएं भी की। पिछले आबियाने (नहरी पानी शुल्क) का 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपये बकाया माफ किया। रोहतक, नूंह, फतेहाबाद और सिरसा में 2023 से पहले आपदा में फसलों को हुए नुकसान की मुआवजा राशि 137 करोड़ रुपये एक सप्ताह में प्रभावित किसानों के खाते में डाली जाएगी।

किसान से नहीं लिया जाएगा ट्रांसफार्मर का खर्च

अब किसान नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए तीन स्टार वाली मोटर कहीं से भी खरीद सकेंगे। अभी तक प्रदेश में तीन स्टार मोटर की केवल 10 कंपनियां ही पंजीकृत हैं।

इससे 31 दिसंबर 2023 तक नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन कर चुके किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त, बिजली का ट्रांसफार्मर खराब होने पर ट्रांसफार्मर का खर्च किसान से नहीं लिया जाएगा।

डेढ़ लाख युवाओं को नौकरी

रैली से किसानों को साधने के साथ-साथ सीएम ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी में बिचौलियों की भूमिका को खत्म करते हुए बिना भेदभाव के मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर 1,41,000 युवाओं को नौकरी दी हैं। साथ ही 40,000 और पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है। कई पदों के लिए आवेदन मांग लिए हैं।

सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण का प्रविधान

प्रदेश में भय, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद को खत्म कर विकसित हरियाणा की नींव हमने पिछले 10 सालों में रखी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई लोकप्रिय अग्निपथ योजना के तहत हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया है।

इन भर्तियों में उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में तीन वर्ष अतिरिक्त वर्षों की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही अग्निवीरों को उद्योग लगाने के लिए पांच लाख का लोन बिना ब्याज के दिया जाएगा।

रैली को केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरियाणा भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी बिप्लब देब और रैली के संयोजक राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने भी संबोधित किया।

ये 14 फसलें पहले से एमएसपी पर खरीदीं जा रहीं

प्रदेश में गेहूं, चावल, सरसों, जौ, चना, धान, मक्का, बाजरा, कपास, सूरजमुखी, मूंग, मूंगफली, अरहर और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद पहले से की जा रही हैं।

एमएसपी पर ये 10 और फसलें खरीदी जाएंगी

प्रदेश में गेहूं, चावल, सरसों, जौ, चना, धान, मक्का, बाजरा, कपास, सूरजमुखी, मूंग, मूंगफली, अरहर और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद पहले से की जा रही है।

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सीएम नायब सैनी के चार बड़े फैसले

  1. 14 के बजाय 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी।

  2. 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपये पिछले आबियाने के किए गए माफ।

  3. 137 करोड़ रुपये मुआवजा राशि एक सप्ताह में रोहतक, नूहं, फतेहाबाद और सिरसा के किसानों के खातों में पहुंचेंगी।

  4. 3 स्टार ट्यूबवेल मोटर बनाने वाली सभी कंपनियां अब हरियाणा के पैनल पर होंगी।

फसल                एमएसपी

रागी खरीफ              4290

ज्वार हाइब्रिड             3571

ज्वार मलदादी खरीफ    3421

मक्का खरीफ               2225

सोयाबीन खरीफ          4892

काला तिल खरीफ       8717

फसल एमएसपी

जौ रबी 1850

कुसुम रबी 5800

मसूर रबी 6425

जूट 5335

नारियल 12000 (प्रति क्विंटल रुपये)

सरकार समाप्त कर चुकी आबियाना कानून

अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाना (नहरी पानी पर शुल्क) को सरकार फरवरी में समाप्त कर चुकी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसकी घोषणा बजट में की थी। गत पहली अप्रैल से यह घोषणा लागू हो चुकी है। आबियाना बंद करने से 4299 गांवों के किसानों को लाभ हो रहा है। साथ ही 54 करोड़ रुपये की वार्षिक राहत भी मिल रही है।

भाकियू ने बताई अपनी जीत

सरकार की फसल एमएसपी घोषणा पर भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि यह भाकियू की जीत है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि उन्होंने 2009 में इस पर लड़ाई शुरू की थी। 2014 में अदालत में भी गए। अब सरकार ने स्वयं ही इसको सही माना है।

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