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Haryana News: किसानों की आय बढ़ाने के लिए नायब सरकार का बड़ा फैसला, 1200 करोड़ का बजट मंजूर

Haryana News किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने 1200 करोड़ रुपये का बजट मंजू किए हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को खाद्य एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। लोगों को खाद्य पदार्थों और फल-सब्जियों की जांच करवाने के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Wed, 07 Aug 2024 05:02 PM (IST)
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Haryana News: हरियाणा की नायब सरकार ने किसानों के लिए मंजूर किए 1200 करोड़ रुपये।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में किसानों की कमाई बढ़ाने के लिए सरकार ने करीब 1200 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत करीब 996 करोड़ रुपये और कृषोन्ति योजना के तहत 203 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित राज्य स्तरीय समिति की बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक कार्य योजना (एएपी) को मंजूरी दी गई। योजना में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, सतत खेती के तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करना तथा बुनियादी ढांचे और मूल्य संवर्धन में रणनीतिक निवेश पर फोकस किया गया है।

एक लाख एकड़ भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाने का लक्ष्य

मुख्य सचिव ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई को बड़े पैमाने पर लोकप्रिय बनाने के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, कृषि विभाग और सिंचाई विभाग मिलकर ठोस पहल करें। कृषि विश्वविद्यालय की एक हजार एकड़ भूमि में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को अपनाया जाना चाहिए।

जिससे लोग इसे व्यावहारिक तौर पर देख और समझ सकें। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने एक लाख एकड़ भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाने का लक्ष्य है।

गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए उपाय

मुख्य सचिव ने कहा कि कपास वाले क्षेत्र में गुलाबी सुंडी का प्रकोप खासकर कृषि वेस्ट के कारण होता है। कृषि विश्वविद्यालय गांवों को गोद लेकर किसानों को इससे निपटने का प्रशिक्षण दें। बीमारी से बचाव के लिए किए गए उपायों की निरंतर मानिटरिंग करें ताकि इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।

किसानों के मोबाइल पर मिलेगी रिपोर्ट

कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों को खाद्य एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। लोगों को खाद्य पदार्थों और फल- सब्जियों की जांच करवाने के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

मृदा परीक्षण के लिए एप विकसित किया जा रहा है जिससे मृदा परीक्षण की रिपोर्ट किसानों के मोबाइल फोन पर ही उपलब्ध होगी।

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