Haryana News: हाईकोर्ट ने की HSSC की भूमिका की निंदा, आगे सावधान रहने का आदेश, 20 हजार का जुर्माना, जानिए पूरा मामला
Haryana News पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा एसएससी की फटकार लगाई है। साथ ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भूमिका की निंदा की है। भविष्य में सावधान रहने का आदेश दिया है। आयोग ने हाईकोर्ट से जानकारी छुपा ली। उच्च न्यायालय ने आयोग पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है। कहा कि कोई भी महत्वपूर्ण तथ्य न छुपाया जाए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। नौकरी की मांग कर रहे एक याची द्वारा दायर याचिका का विरोध करने में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की भूमिका की निंदा करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने आयोग से कहा है कि वह अदालत में जवाब दाखिल करते समय भविष्य में सावधान रहे।
हालांकि, हाईकोर्ट ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि आयोग के सचिव, जो इस तरह का ''तुच्छ'' जवाब दाखिल कर रहे थे, पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कोर्ट ने आयोग को बीस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए यह राशि याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया है।
इस मामले में रोचक बात यह है कि इस मामले में आयोग ने न केवल मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट से कुछ सामग्री छिपाई, बल्कि कोर्ट को यह भी बताया कि याचिकाकर्ता ने एससी श्रेणी के तहत आवेदन किया था, जबकि उसने भूतपूर्व सैनिक (सामान्य) श्रेणी के तहत आवेदन किया था।
हाईकोर्ट ने आयोग को लगाई फटकार
कोर्ट ने कहा कि एचएसएससी के जवाब को देखने से पता चलता है कि वर्तमान याचिकाकर्ता भारत के संविधान के अनुच्छेद 226/227 के तहत हाई कोर्ट में याचिका दायर करने करने का हकदार नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता के किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है।
इस कोर्ट के निर्णय को छिपाने के पश्चात आयोग द्वारा इस प्रकार की तुच्छ आपत्तियां उठाई गई हैं, जो अत्यंत निंदनीय हैं।
हाईकोर्ट को दी गलत जानकारी
इतना ही नहीं, उत्तर में आयोग के सचिव द्वारा यह कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने एससी श्रेणी के अंतर्गत आवेदन किया है, जो कि पूरी तरह से गलत है, क्योंकि याचिकाकर्ता ने ईएसएम-जनरल श्रेणी के अंतर्गत आवेदन किया था तथा उसका आवेदन पत्र पहले से ही याचिका के साथ संलग्न है, जिससे पता चलता है कि उसने भूतपूर्व सैनिक श्रेणी में आवेदन किया था।
यह कोर्ट संबंधित सचिव के विरुद्ध कोई भी आदेश पारित करने में नरम रुख अपना रहा है, जिसने उत्तर दाखिल किया है, क्योंकि वह पहले ही सेवानिवृत्त हो चुका है।
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