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Haryana News: राहत! अब निजी लैब में टेस्ट या अल्ट्रासाउंड करा सकेंगे मरीज, सरकार करेगी भुगतान

Haryana News हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मरीजों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में टेस्ट या अल्ट्रासाउंड नहीं होने पर मरीज अब निजी लैब में जांच करा सकेगी। हरियाणा सरकार इसकी भुगतान करेगी। सीएम सैनी ने शुक्रवार को खुद सरकार के इस अहम फैसले की जानकारी दी। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

By Sudhir Tanwar Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 09:45 PM (IST)
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Haryana News: सीएम नायब सैनी ने मरीजों को दी बड़ी राहत, निजी लैब में करा सकेंगे जांच।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब सरकारी अस्पतालों में लैब टेस्ट या अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाने पर मरीज निजी लैब में टेस्ट करा सकेंगे। स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को निजी लैब एंपैनल करने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकारी डॉक्टर और सीएमओ द्वारा लिखी पर्ची पर मरीज एंपैनल लैब में टेस्ट और अल्ट्रासाउंड करा सकेंगे। सरकार द्वारा सिविल अस्पताल को दिए जाने वाले फंड से एंपैनल लैब को टेस्ट का भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को खुद सरकार के इस अहम फैसले की जानकारी दी।

दूसरे दिन भी हड़ताल जारी 

इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, सरकारी अस्पतालों में मांगों को लेकर डॉक्टरों ने दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी।

वीरवार को मामले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के वार्ता के लंबे दौर चले थे, लेकिन शुक्रवार को न सरकार की ओर से एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ बातचीत करने की कोशिश की गई और न डॉक्टर झुकते दिखे।

क्या है डॉक्टरों की मांग

हरियाणा में वर्तमान में डाक्टरों को पांच, दस और 15 साल की सर्विस पर एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रमोशन) दी जा रही है, जबकि एचसीएमएस एसोसिएशन चार, नौ, 13 और 20 साल में एसीपी का लाभ मांग रही है।

18 जुलाई को स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ बैठक में डॉक्टरों को चार, नौ और 13 साल में एसीपी का लाभ देने पर सहमति बन गई थी, जिसके बाद एचसीएमएस पदाधिकारियों ने भी चौथी एसीपी की जिद छोड़ दी।

इसके बावजूद संशोधित एसीपी को लेकर सरकार की ओर से अधिसूचना जारी नहीं की गई है। हालांकि, बांड राशि एक करोड़ रुपये से घटाकर 50 लाख रुपये करने की अधिसूचना जरूर जारी कर दी गई है।

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मजबूरी में हड़ताल: ख्यालिया

एचसीएमएस एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने 25 जुलाई तक एसीपी को लेकर अधिसूचना जारी करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं।

इसके अलावा सेवा नियमों में सशर्त ढील देकर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के सभी रिक्त पदों को पदोन्नति और वरिष्ठता के आधार पर भरने तथा यात्रा भत्ता 500 से बढ़ाकर 3000 रुपये मासिक करने पर सहमति बनी थी, लेकिन इस दिशा में भी कोई आदेश जारी नहीं हुए।

ऐसे में डॉक्टरों को मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा है। ख्यालिया ने कहा कि जब तक सरकार मांगों को पूरा नहीं करती, हड़ताल जारी रहेगी।

हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी

डॉक्टरों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। हालांकि स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू करने के लिए सिविल सर्जनों ने एनएचएम के तहत लगे डाक्टरों की सेवाएं ली हैं, लेकिन ज्यादातर स्थानों पर ओपीडी के साथ ही आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हैं।

एनएचएम कर्मचारी भी गए हड़ताल पर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत लगे कर्मचारी भी मांगों को लेकर शुक्रवार से चार दिन की हड़ताल पर चले गए, जिससे स्थिति और विकट हो गई है। हड़ताल के चलते महिला प्रसूति, गर्भवती महिलाओं की जांच, गर्भवती महिला व बच्चों का टीकाकरण और एंबुलेंस सेवा प्रभावित रही।

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