Haryana News: आजादी के पर्व पर गीता की पवित्र धरा से लें कर्म का संकल्प, बोले सीएम नायब सिंह सैनी
Haryana News मुख्यमंत्री नायब सिंह पुलिस लाइन पिपली के परिसर में जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने बलिदानी स्मारक पर पहुंच पुष्प चक्र अर्पित कर बलिदानियों को श्रृद्धाजंलि दी। इसके पश्चात मुख्य अतिथि ने पुलिस लाइन पिपली के प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर ध्वजारोहण किया और परेड का निरीक्षण किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र गीता की धरा है। इसी पवित्र धरा पर श्रीकृष्ण भगवान ने गीता में कर्म करने का संदेश दिया था। आज हम सभी को कर्म करने का संकल्प लेना होगा और देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
आजादी का पर्व जन-जन का पर्व है, हर मन का पर्व है। हर भारतवासी के लिए गर्व और गौरव का दिन है। आज हर साल की तरह हर घर तिरंगा अभियान से पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा है। हर घर, गली, मुंडेर और हर मोहल्ले में तिरंगा फहरा रहा है।
वीरों ने दिए अनेक बलिदान
आजादी के बाद भी हरियाणा के वीरों ने देश की सीमाओं की सुरक्षा में भी अनेक बलिदान दिये हैं। हमारे सैनिको ने 1962, 1965, 1971 के विदेशी आक्रमणों व ऑपरेशन कारगिल युद्ध के दौरान वीरता की अद्भुत मिसाल पेश की थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह पुलिस लाईन पिपली के परिसर में जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोल रहे थे।5 लाख की राशि देने की घोषणा
इससे पहले उन्होंने बलिदानी स्मारक पर पहुंच पुष्प चक्र अर्पित कर बलिदानियों को श्रृद्धाजंलि दी। इसके पश्चात मुख्य अतिथि ने पुलिस लाइन पिपली के प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर ध्वजारोहण किया और परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्कूली विद्यार्थियों की मिठाई के लिए 5 लाख की राशि देने की घोषणा भी की है।
कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने से मुक्ति
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने परेड की सलामी लेने के उपरांत जिलावासियों को स्वंतत्रता दिवस के पावन पर्व की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभी एक जुलाई को ही हमें अंग्रेजों के समय से चले आ रहे गुलामी के प्रतीक 3 कानून से आजादी दिलवाई है।ये तीनों कानून अंग्रेजी शासन को मजबूत करने और उसकी रक्षा के लिए बनाये गये थे। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने से लोगों को जल्द न्याय मिलने और कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने से मुक्ति मिलनी शुरू हो गई है।
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