Haryana: फिर जलने लगी पराली, रेड और येलो जोन के गांवों पर सरकार की पैनी नजर; निगरानी बढ़ाने के निर्देश
हरियाणा में एक बार फिर विभिन्न स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने रेड जोन में शामिल 147 गांवों और येलो जोन के 582 गांवों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खासकर फतेहाबाद कैथल जींद सिरसा कुरुक्षेत्र अंबाला और हिसार के उपायुक्तों को तुरंत प्रभाव से गांव ब्लाक उपमंडल और जिला स्तर पर समितियां बनाने के निर्देश दिए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Mon, 25 Sep 2023 06:45 AM (IST)
चंडीगढ़,राज्य ब्यूरो। हरियाणा में एक बार फिर विभिन्न स्थानों पर पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने रेड जोन में शामिल 147 गांवों और येलो जोन के 582 गांवों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
खासकर फतेहाबाद, कैथल, जींद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला, यमुनानगर और हिसार के उपायुक्तों को तुरंत प्रभाव से गांव, ब्लाक, उपमंडल और जिला स्तर पर समितियां बनाने के निर्देश दिए हैं, जहां पिछले साल सबसे ज्यादा पराली जलाई गई थी।
कहीं पर भी पराली जलाने की शिकायत मिलते ही तुरंत एक्शन लेने का कहा गया है जिसमें जुर्माने से लेकर सजा तक का प्रविधान है। हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा पिछले साल की एक्टिव फायर लोकेशन के आधार पर जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर कृषि विभाग ने गांवों को रेड और येलो जोन में बांटा है।
जिन गांवों में छह या इससे अधिक स्थानों पर पराली जलाई गई, उन्हें रेड जोन में रखा गया है, जबकि जिन गांवों में दो से पांच के बीच स्थानों पर पराली जलाई गई, उन्हें येलो जोन में शामिल किया गया है। रेड जोन के 147 गांवों में से सबसे ज्यादा 49 गांव फतेहाबाद में हैं।
इसके बाद कैथल के 36, जींद के 24, सिरसा के 11, करनाल के 10, कुरुक्षेत्र के छह, हिसार के तीन और अंबाला, पलवल व रोहतक के दो-दो तथा पानीपत और सोनीपत के एक-एक गांव रेड जोन में हैं। येलो जोन की बात करें तो कैथल के 107, फतेहाबाद के 74, जींद के 72, कुरुक्षेत्र के 65, करनाल के 54, सिरसा के 56, अंबाला के 45, यमुनानगर के 30, हिसार के 22, सोनीपत के 16, पानीपत के 18, रोहतक के 13, पलवल के नौ और भिवानी का एक गांव येलो जोन में हैं।
पिछले वर्ष खेतों में आग लगने के सबसे अधिक मामले फतेहाबाद में 767, कैथल में 641, जींद में 533, सिरसा में 305, कुरुक्षेत्र में 302, करनाल में 301, अंबाला में 226, यमुनानगर में 155 और हिसार में 115 मामले सामने आए थे।
बाक्स सरकार के प्रयास का दिखा असर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाए ठोस कदमों के चलते राज्य में वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में पराली जलाने के मामलों में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले साल हरियाणा में पराली जलाने के 3,661 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 6,987 मामले सामने आए थे। किसानों के बीच इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन प्रणालियों को बढ़ावा देकर कृषि विभाग सूक्ष्म स्तर की निगरानी पर काम कर रहा है।
बाक्स करनाल में एक खेत में रुके भाजपा प्रभारी,पराली प्रबंधन देखकर हुए खुश हरियाणा भाजपा के प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देव रविवार को करनाल में एक खेत पर रुके जहां किसान पराली की गांठें बना रहे थे।
इस दौरान बिप्लब देब ने किसानों से बात कर पराली प्रबंधन को लेकर उनकी संजीदगी पर खुशी जताई। हरियाणा में किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। रेड जोन की पंचायतों को कहीं पर भी पराली नहीं जलने देने पर एक लाख रुपये और येलो जोन में 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।
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