हरियाणा के 100 बड़े नशा तस्करों की लिस्ट तैयार, बैंकों में खंगाले जा रहे खाते; रिश्तेदार भी पुलिस के निशाने पर
Haryana Drugs Smuggling हरियाणा पुलिस के निशाने पर अब राज्य के नशा तस्कर हैं। राज्य की पुलिस ने 100 नशा तस्करों की लिस्ट तैयार की है। मनोहर लाल सरकार इन नशा तस्करों को अपंग बनाने में जुट गई है। हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। पुलिस ने निशाने पर इन नशा तस्करों के रिश्तेदार और सहयोगी भी हैं।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Haryana Police Action On Drugs Smuggling हरियाणा के नशा तस्कर राज्य सरकार के निशाने पर है। 75 से अधिक नशा तस्करों की 342 अवैध संपत्तियों को जब्त कर चुकी प्रदेश सरकार की निगाह अब 100 और बड़े नशा तस्करों पर है, जिनका नशे का कारोबार हरियाणा से बाहर के राज्यों में भी फैला हुआ है। ऐसे नशा तस्करों की अवैध संपत्तियों को चिन्हित किया जा चुका है, जिसे जब्त करने की कार्य योजना राज्य सरकार ने तैयार कर ली है। अभी तक जिन 75 नशा तस्करों की अवैध संपत्ति जब्त की गई है, उसकी कीमत करीब 43 करोड़ रुपये है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) और गृह मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक ओपी सिंह को ऐसे राज्यों की पुलिस से भी संपर्क साधकर नशा तस्करों की कमर तोड़ने के निर्देश दिए हैं, जिनके कारोबार का जाल बाकी राज्यों में भी फैला हुआ है।
इन निर्देशों के बाद राज्य पुलिस हरियाणा और हरियाणा से बाहर के राज्यों में बैंकों से भी संपर्क साधने में लगी हुई है, ताकि नशा तस्करों के खातों को खंगाला जा सके और उनमें जमा राशि का पता लगाया जा सका। पुलिस की निगाह ऐसे बैंक खातों पर भी है, जिनमें से हाल फिलहाल मोटी रकम को अन्यत्र ट्रांसफर किया गया है।
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तस्करों के रिश्तेदार और सहयोगियों पर भी पुलिस की नजर
हरियाणा पुलिस नशा तस्करों के साथ-साथ उनके सहयोगियों तथा परिवार के सदस्यों की चल अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाने में भी लगी हुई है। हरियाणा पुलिस ड्रग सरगनाओं को करारा झटका देते हुए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम 1985 द्वारा प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए उन्हें नेस्तनाबूद करने के प्लान को किसी भी समय अंजाम दे सकती है।
एनडीपीएस अधिनियम में प्रविधान है कि प्रशासनिक अधिकारी गैरकानूनी मादक पदार्थ व्यापार से अर्जित की गई संपत्तियों को सीज, जमा और जब्त कर सकते हैं। इस अधिनियम के तहत नशे के कार्य में लिप्त तस्करों से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़ी संपत्तियों की वित्तीय जांच और जब्ती करने शुरुआत की जाती है। अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए संपत्तियां पहचानी जाती हैं और संबंधित स्थानीय एसएचओ द्वारा सीज/जब्ती के आदेश तैयार किये जाते हैं। इन आदेशों के क्रियान्वन करने के लिए दिल्ली में स्थित प्राधिकृत प्राधिकरण की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
परिवहन प्राधिकरण व राजस्व विभाग की ली जा रही मदद
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के अनुसार अब तक नशा तस्करों की जब्त की गई अवैध संपत्तियों में भव्य मकान और महंगी गाड़ियों से लेकर कई प्रकार के उच्च वित्तीय निवेश शामिल रहे। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रमुख नशा तस्करों के नेक्सस (गिरोह) को तोड़ना और उनकी अवैध कमाई को समाप्त करना रहा। प्रदेश की पुलिस बैंकों, परिवहन प्राधिकरणों और राजस्व विभाग सहित कई विभागों के साथ बातचीत में है, ताकि अपराधियों द्वारा कमाई गई इस अवैध संपत्ति के साम्राज्य को सरकार अपने नियंत्रण में ले सके। नशे तस्करों द्वारा कमाई गई इस संपत्ति के रिकार्ड की जांच की जा रही है ताकि इन संपत्तियों की भविष्य में किसी और ना बेचा जा सके और उसपर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके।
नशा तस्करों के सहयोगियों पर भी सरकार की निगाह
हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख ओपी सिंह ने बताया कि नशा तस्करों पर कार्रवाई के लिए हमारा अभियान जल्दी ही प्रदेश के कोने कोने में फैल जाएगा। ब्यूरो द्वारा प्रदेश में 100 बड़े ड्रग तस्करों की पहचान कर ली गई है। ब्यूरो वर्तमान में इन तस्करों और उनके सहयोगियों से जुड़ी चल और अचल संपत्तियों का पता लगा रहा है और उनकी संभावित जब्ती के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। प्रदेश पुलिस नशे से संबंधित हर प्रकार के अपराध का पूरी ताकत से सामना करेगी।
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