Haryana Police: हरियाणा पुलिस के लिए साल 2023 इन कारणों से रहा खास, अपराध और अपराधियों पर हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई
Haryana Police News हरियाणा पुलिस ने साल 2023 में साइबर अपराधियों पर तकड़ा शिकंजा बनाए रखा। पिछले साल राज्य में चार लाख 11 हजार 299 लोग साइबर अपराध के तहत धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। साइबर अपराध रोकने में सक्रिय नोडल टीमों व जिला पुलिस के सामूहिक प्रयासों से साइबर अपराधियों द्वारा ठगे गए आम जनता के 76.85 करोड़ रुपये बचाने में सफलता भी मिली है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने पिछले साल 2023 में साइबर अपराधियों(Cyber Crime) पर तकड़ा शिकंजा दबाए रखा। पिछले साल राज्य में चार लाख 11 हजार 299 लोग साइबर अपराध के तहत धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। साइबर अपराध रोकने में सक्रिय नोडल टीमों व जिला पुलिस (Haryana Police News) के सामूहिक प्रयासों से साइबर अपराधियों द्वारा ठगे गए आम जनता के 76.85 करोड़ रुपये बचाने में सफलता भी मिली है।
पिछले साल 1903 साइबर ठगों को किया गिरफ्तार
पिछले साल 1903 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाने में पुलिस कामयाब रही। पुलिस ने जालसाज़ों के 1 लाख 36 हजार 347 बैंक खातों को फ्रीज किया है, जबकि एआइ साफ्टवेर से नूंह (मेवात) में संदिग्ध 4 लाख 96 हजार 562 मोबाइल नंबरों की पहचान की गई, जो साइबर अपराध में इस्तेमाल किए जाते हैं।
बैंकिंग क्षेत्र के एकीकरण पर राज्य पुलिस कर रही काम
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर व एडीजीपी साइबर क्राइम ओपी सिंह के निर्देशन में बैंकिंग क्षेत्र के एकीकरण पर राज्य पुलिस अब काम कर रही है। इसके तहत बैंकों द्वारा अपने प्रतिनिधि पंचकूला में स्थित 1930 साइबर हेल्पलाइन में नियुक्त किए जा रहे हैं। वर्तमान में एचडीएफसी बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के प्रतिनिधि नियुक्त किए जा चुके हैं और अन्य बैंकों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।इस अनूठे प्रयोग से साइबर अपराध होने की स्थिति में रिस्पांस टाइम घटाया गया और आमजन की मेहनत की कमाई बचाई गई। साइबर अपराध संबधी मामलों में तत्परता से कार्रवाई करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 को हरियाणा-112 से इंटीग्रेट किया गया है।यह भी पढ़ें: Hisar: जीजेयू में अब शुरू होंगे दस नए कोर्स, नौ ऑनलाइन प्रोग्राम के साथ पार्ट टाइम कर सकेंगे पीएचडी; पढ़िए पूरी खबर
पिछले साल 4 लाख 11 हजार 534 कॉल का दिया जवाब
साइबर हेल्पलाइन टीम में वर्तमान में 70 साइबर प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की टीम कार्य कर रही है, जिन्होंने पिछले वर्ष में 4 लाख 11 हजार 534 काल का जवाब दिया। विभिन्न शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 2,587 मामले तथा 1 लाख 13 हजार 801 शिकायतें दर्ज की।जिन पर साइबर नोडल थाने व अन्य जिलों के थानों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 1903 साइबर ठग गिरफ्तार किए। प्रदेश पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 84 मामले खुद दर्ज किए और 424 उच्च-मूल्य वाले मामलों में ठगी की रकम पांच लाख रुपये से अधिक होने पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर(DGP Shatrujeet Kapoor) ने बताया कि मेवात-नूंह क्षेत्र में एआइ की मदद से 4 लाख 96 हजार 562 मोबाइल नंबर ब्लाक किए गए हैं। एनसीआरपी पोर्टल से 62,242 साइबर ठगों के नंबर ब्लाक हुए हैं। एडीजीपी साइबर क्राइम ओपी सिंह के अनुसार एआइ आधारित धोखाधड़ी करने वालों की पहचान वाले साफ्टवेयर ‘अस्त्र‘ की सहायता से प्रदेश के साइबर अपराध के संवेदनशील क्षेत्र मेवात में 4 लाख 96 हजार 562 मोबाइल नंबरों को पहचान हो पाई है।
प्रदेश पुलिस ने साइबर धोखेबाजों के मोबाइल नंबरों को सक्रिय रूप से ब्लाक करने के लिए एआइ समाधान तलाशने के लिए एक प्रमुख दूरसंचार कंपनी के साथ साझेदारी की है। इस एआइ की तकनीक से पता लगाया गया कि कैसे एक ही व्यक्ति की अलग अलग आइडी बनाकर नंबर हासिल किए गए हैं, जिनका उपयोग साइबर ठगी में किया गया। उन सभी संदिग्ध नंबरों को ब्लाक किया गया है।
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