हरियाणा में पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलेगी नौकरी! वेलफेयर विंग ने तैयार की योजना, जान लीजिए क्या है मापदंड
हरियाणा में अब पुलिसकर्मियों के बच्चों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अनुबंध आधारित तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के पुलिसकर्मी शामिल हैं। डीजीपी कपूर ने बताया कि इन सभी बच्चों पहले अलग-अलग कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और उसके बाद रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Haryana Police Jobs Scheme हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर पुलिस में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए वेलफेयर विंग ने कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत जरूरतमंद पुलिसकर्मियों को सूचीबद्ध करते हुए उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार दिलाने में मदद की जाएगी। प्रथम चरण में ऐसे 149 कर्मचारियों को सूचीबद्ध किया गया है जिनके बच्चों को पुलिस विभाग द्वारा कौशल विकास संबंधी प्रशिक्षण देते हुए उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर (DGP Shatrujeet Kapoor) ने बताया कि पुलिसकर्मियों को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित करते हुए उनकी सूची तैयार की गई है। इनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, अनुबंध आधारित तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के पुलिसकर्मी शामिल हैं। इनमें से जिन कर्मचारियों के बच्चे बेरोजगार हैं, उन्हें शैक्षणिक योग्यता के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि उनमें कौशल विकास करते हुए उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा सकें।
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पुलिस विभाग उठाएगा प्रशिक्षण का खर्च
डीजीपी कपूर ने बताया कि इन सभी बच्चों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण का पूरा खर्च पुलिस विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। बच्चों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर कोर्स को डिजाइन किया गया है ताकि वे अपनी रूचि के अनुरूप इनका चयन कर सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम का माड्यूल लगभग तैयार किया जा चुका है और जल्दी ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शुरू किया जाएगा।
विभिन्न संस्थाओं से तालमेल स्थापित
पुलिस महानिदेशक के अनुसार, इन बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न संस्थाओं से तालमेल स्थापित किया गया है। सूचीबद्ध किए गए बच्चों के लिए ड्राइविंग स्कूल में प्रशिक्षण दिलवाने, कंप्यूटर की शिक्षा दिलवाने तथा सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य कोर्स करवाने को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार हुए हैं। पुलिस विभाग के जो कर्मचारी 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं और उनके बच्चे किसी कारणवश बेरोजगार रह गए हैं, ऐसे बच्चों को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने के लिए प्रयास आगे भी तेज किए जाएंगे।