Haryana Political Crisis: कांग्रेस या भाजपा... विधायकों का किसे समर्थन? हरियाणा में सीटों का ये चल रहा समीकरण
हरियाणा में मौजूदा समय में भाजपा (Haryana Political Crisis) को दो विधायकों की जरूरत है। अगर सरकार को समर्थन मिल जाता है तो नायब सरकार बहुमत में आ जाएगी। इसी संदर्भ में बीते दिन पूर्व सीएम मनोहर लाल ने जजपा के चार विधायकों से मुलाकात की। यदि भाजपा इन चारों विधायकों को तोड़ लेती है तो सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन हो जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Political Crisis: जजपा के 10 में से छह विधायक नाराज चल रहे हैं। नाराज छह विधायकों में चार भाजपा के साथ हैं और दो कांग्रेस के साथ हैं। अगर भाजपा इन चारों विधायकों को तोड़ लेती है तो सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन हो जाएगा। जो तीन निर्दलीय विधायक भाजपा से सरकार होकर कांग्रेस के पास गए हैं, उन्हें मनाकर वापस लाया जाए, तब कोई संवैधानिक संकट खड़ा नहीं होगा।
जजपा से नाराज छह विधायक यदि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में हाजिर न हों तो सदन में 82 विधायक रह जाएंगे, जिसके चलते सरकार बचाने को भाजपा को 43 विधायकों की ही जरूरत पड़ेगी, जो उसके पास हैं।
अगर दोनों निर्दलीय विधायकों व गोपाल कांडा ने पाला बदल लिया
अगर दोनों बाकी बचे निर्दलीय विधायकों नयनपाल रावत और राकेश दौलताबाद ने पाला बदल लिया तो भाजपा सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।एकमात्र हलोपा विधायक गोपाल कांडा पर भी यह निर्भर करेगा कि वे सरकार के साथ रहते हैं या फिर सरकार का साथ छोड़ देते हैं। यानी इन तीन विधायकों के फैसले पर भी भाजपा सरकार का भविष्य निर्भर रहने वाला है।
विधानसभा में यह है विधायकों की संख्या का गणित
मौजूदा समय में कुल विधायकों की संख्या 88 है और बहुमत का आंकड़ा है 45 l भाजपा विधायक 40 (समर्थन 43 का प्राप्त है, जिनमें दो निर्दलीय और एक हलोपा विधायक शामिल हैं, जबकि दो विधायकों की जरूरत पड़ेगी)l कांग्रेस विधायक 30 है और जजपा के 10 विधायक है। अब इन विधायकों में से छह विधायक बागी हैं। चार विधायक भाजपा के संपर्क में हैं तो दो कांग्रेस के संपर्क में हैं।यह भी पढ़ें- Haryana News: 'देख रहे मुंगेरीलाल के सपने', सियासी उठापटक के बीच CM सैनी ने विपक्ष पर कसा तंज
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