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Haryana Politics: कांग्रेस हाईकमान ने सुरजेवाला और सैलजा को किया पावरफुल, गुटबाजी के बीच दे दी बड़ी जिम्मेदारी

कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में चल रही गुटबाजी के बीच रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सुरजेवाला को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है जबकि यह सूची कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर से जारी की गई है। यह पहली बार है जब किसी संगठनात्मक फैसले पर कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर हैं।

By Anurag Aggarwa Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 01 Nov 2024 04:35 PM (IST)
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Haryana Politics: कांग्रेस हाईकमान ने सुरजेवाला और सैलजा को किया पावरफुल।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में चल रही रार के बीच कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी महासचिव कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला को पावरफुल बना दिया है। कांग्रेस हाईकमान द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जिन 40 स्टारक प्रचारकों की सूची जारी की गई है, उसमें रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल है।

इससे भी अधिक खास बात यह है कि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की यह लिस्ट कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर से जारी की गई है। ऐसी सूचियों पर अक्सर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर होते हैं। सैलजा सिरसा से कांग्रेस की सांसद और सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह पहला मौका है, जब पार्टी ने अपने संगठनात्मक फैसले संबंधी किसी परपित्र को कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर से जारी किया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अथवा उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम शामिल नहीं है। हरियाणा में कांग्रेस आपसी गुटबाजी की वजह से चुनाव हारी है।

हालांकि हुड्डा परिवार गुटबाजी की बजाय ईवीएम में खराबी को हार का कारण मान रहा है। कांग्रेस हाईकमान ने राज्य की 26 विधानसभा सीटों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत केंद्रीय चुनाव आयोग से की थी, लेकिन 1642 पेज के अपने जवाब में केंद्रीय चुनाव आयोग ने कांग्रेस की समस्त दलीलों को खारिज करते हुए ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी से साफ इन्कार किया है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा और सैलजा में जबरदस्त खींचतान चली। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला खुलकर किसी के पक्ष में नहीं खड़े हुए। हालांकि उन्हें सैलजा खेमे का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है, लेकिन जब बात हुड्डा खेमे की आती है तो वे कभी उसके विरुद्ध एक भी शब्द नहीं बोलते।

उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला कैथल से विधाय़क चुने गए हैं। विधानसभा चुनाव में सुरजेवाला का पूरा ध्यान अपने बेटे को चुनाव जिताने पर रहा है। औपचारिक बातचीत के दौरान भी जब सुरजेवाला को चुनाव में हुड्डा खेमे को मिले 72 टिकटों पर कुरेदा गया तो उन्होंने कोई जवाब देने की बजाय चर्चा को विराम देना ज्यादा उचित समझा।

कांग्रेस विधायक दल के नेता के नाम पर टिकी निगाहें

हरियाणा में कांग्रेस के 37 विधायक चुनकर आए हैं। करीब एक दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां टिकटों का आवंटन ठीक ढंग से नहीं हुआ, जिस कारण कांग्रेस बहुमत के करीब होते हुए भी काफी पीछे रह गई। आठ नवंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र आरंभ होने वाला है। उससे पहले कांग्रेस को विधायक दल के नेता का नाम घोषित करना है।

कांग्रेस विधायक दल का नेता ही विधानसभा में विपक्ष का नेता होगा, क्योंकि चुनाव जीतकर आए तीनों निर्दलीय विधायकों ने पहले दिन ही अपना समर्थन भाजपा सरकार को दे दिया था। ऐसे में कांग्रेस के अलावा कोई विधायक विपक्ष में नहीं है। इन 37 विधायकों में 32 से 33 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक हैं।

ऐसे में कांग्रेस हाईकमान इन विधायकों की पसंद का पूरा ख्याल रखते हुए हुड्डा को ही कांग्रेस विधायक दल का नेता बना सकता है, लेकिन जिस तरह से चुनाव के नतीजे आए, उसे देखते हुए लग रहा है कि इस बार कांग्रेस हाईकमान कठोर फैसले भी ले सकता है, जो कि हुड्डा गुट के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

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