Haryana Politics: कांग्रेस का 11 साल का इंतजार खत्म, जल्द घोषित होगा हरियाणा का संगठन, सैलजा-रणदीप को नाराज नहीं करेगी पार्टी
Haryana Politics हरियाणा कांग्रेस के 11 साल का इंतजार खत्म होने वाला है। हरियाणा का संगठन जल्द घोषित होने वाला है। कांग्रेस हाईकमान सैलजा और रणदीप के पसंद को नकारेगा नहीं। हुड्डा गुट भी मजबूत की स्थिति में रह सकता है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की लिस्ट फाइनल कर लंबे समय से प्रदेश प्रभारी के पास भेज रखी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। करीब 11 साल के लंबे इंतजार के बाद अगले एक-दो दिनों के भीतर हरियाणा कांग्रेस का संगठन बनने की संभावना पैदा हुई है। कांग्रेस हाईकमान द्वारा राज्य में संगठन नहीं बनने को लेकर कड़े तेवर अपनाने के बाद हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने किसी भी समय संगठन बनने के संकेत दिए हैं।
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की लिस्ट फाइनल कर लंबे समय से प्रदेश प्रभारी के पास भेज रखी है। प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद के नेताओं को जगह मिलने की पूरी संभावना है।
विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश देने के लिहाज से कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव और बीरेंद्र सिंह की पसंद के कुछ नेताओं को भी संगठन में जगह मिल सकती है।
लोकसभा चुनाव बिना संगठन के ही लड़ा
मीडिया के पूछने पर वैसे तो प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष अक्सर यह कहते रहे हैं कि कांग्रेस हाईकमान ने अभी तक लिस्ट पर अपनी स्वीकृति की मुहर नहीं लगाई, लेकिन पिछले दिनों राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल की हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक में इस बात का पता चला कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई लिस्ट मंजूरी के लिए पहुंची ही नहीं।
तब राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया को हरियाणा का संगठन जल्दी बनाने के निर्देश दिए थे, मगर इस बात को भी दो माह बीतने वाले हैं। लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने बिना संगठन के ही लड़ा है।
कांग्रेस में हुड्डा और एसआरबी गुट सक्रिय
विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि यदि संगठन नहीं बनाया गया तो धरातल पर नुकसान हो सकता है। इसलिए हरियाणा कांग्रेस का संगठन किसी भी समय घोषित किया जा सकता है। कांग्रेस ने प्रत्येक जिले में प्रभारी नियुक्त कर रखे हैं।
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लेकिन प्रदेश पदाधिकारी, जिला प्रधान और ब्लाक अध्यक्ष नहीं होने की वजह से कांग्रेस अक्सर अपने राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर रही है। कांग्रेस में चूंकि हुड्डा और एसआरबी गुट सक्रिय हैं तो ऐसे में नियुक्तियों को लेकर किसी तरह के विवाद से बचने के लिए पार्टी प्रभारी लगातार प्रदेश संगठन के विस्तार को टालते चले आ रहे थे।
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