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Haryana Politics: जनगणना के बाद बनेंगे नए जिले, उपमंडल और तहसील, सरकार ने प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर लगाई रोक

हरियाणा में जनगणना के बाद ही नए जिले उपमंडल और तहसील बनेंगे। जनवरी में शुरू होने वाली जनगणना तक प्रशासनिक सीमाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। असंध हांसी डबवाली मानेसर और गोहाना को जिला बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। बवानी खेड़ा और कलानौर भी उपमंडल बनने की दौड़ में है। लेकिन अब जनगणना के बाद ही इस पर फैसला आएगा।

By Sudhir Tanwar Edited By: Sushil Kumar Updated: Wed, 20 Nov 2024 04:35 PM (IST)
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Haryana Politics: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बड़ा आदेश।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब जनगणना के बाद ही नए जिले, उपमंडल और तहसील बन सकेंगे। जनवरी के पहले सप्ताह में जनगणना शुरू होगी। तब तक सरकार ने प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर रोक लगा दी है। असंध, हांसी, डबवाली, मानेसर और गोहाना को लंबे समय से जिला बनाने की मांग उठती आ रही है, जबकि बवानी खेड़ा और कलानौर उपमंडल बनने की दौड़ में हैं।

वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जनगणना का कार्य पूरा होने तक जिला, तहसील और कस्बों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर रोक लगा दी है। प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन से पहले जून में तत्कालीन कृषि मंत्री कंवर पाल गुर्जर की अध्यक्षता में गठित कमेटी को भी नए सिरे से बनाया जाएगा। 

सरकार को कमेटी का पुनर्गठन करना होगा

तत्कालीन वित्त मंत्री जय प्रकाश दलाल, विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री महिपाल ढांडा और शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा शामिल थे। कमेटी में शामिल रहे पिछले सरकार के मंत्रियों में कंवर पाल गुर्जर, जेपी दलाल और सुभाष सुधा चुनाव हार चुके हैं, जिसके चलते सरकार को कमेटी का पुनर्गठन करना होगा।

प्रदेश में इस समय 22 जिले हैं। वर्तमान में हांसी और डबवाली फिलहाल पुलिस जिले हैं। इसलिए इनके सामान्य जिले बनने में कोई अधिक बाधा नहीं है। इससे पहले तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में गठित शिक्षा मंत्री कंवर पाल और सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल की कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने पिछले साल दिसंबर में प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने के लिए छह नए उपमंडल बनाए थे।

ठंडे बस्ते में चला गया प्रस्ताव

इनमें मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) और जुलाना (जींद) शामिल हैं। हालांकि तब सरकार की घोषणा के बावजूद भिवानी के बवानी खेड़ा और रोहतक के कलानौर को उपमंडल बनाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था।

इससे पहले मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश पर अंबाला कैंट, बाढड़ा, बड़खल, नारनौंद, बादली, उचाना, घरोंडा, पुन्हाना और रादौर को उपमंडल बनाया गया था।

इसके अलावा 10 नई तहसीलें और तीन नई उप-तहसीलें भी बनाई गईं। इसी तरह 2017 में तावड़ू और 2018 में लाडवा को उपमंडल का दर्जा दिया गया था।

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