Haryana Politics: हरियाणा में SRB गुट में भी दरार, सुरजेवाला ने खींची अलग लाइन; पूरे प्रदेश में निकालेंगे परिवर्तन रैलियां
हरियाणा (Haryana Politics) के एसआरबी गुट में भी दरार हो गई है। हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने अब अपनी अलग लाइन खींच ली है। उन्होंने एसआरबी गुट से किनारा करते हुए पूरे प्रदेश में परिवर्तन रैलियां निकालने का निर्णय किया है। रणदीप सुरजेवाला की पहली परिवर्तन रैली 11 अगस्त को पानीपत में होगी।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एसआरबी (सैलजा-रणदीप-बीरेंद्र) गुट से किनारा कर लिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 'हरियाणा मांगे हिसाब' तथा कुमारी सैलजा की 'कांग्रेस संदेश यात्रा' से स्वयं को अलग करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने पूरे राज्य में परिवर्तन रैलियां करने का निर्णय लिया है। यह रैलियां विधानसभा स्तर पर होंगी।
इन रैलियों के माध्यम से सुरजेवाला जहां अपना अलग राजनीतिक अस्तित्व प्रदर्शित करने की तैयारी में हैं, वहीं हुड्डा या सैलजा का नेतृत्व स्वीकार करने की बजाय स्वयं को मुख्यमंत्री पद की लाइन में पूरी मजबूती से खड़ा रखना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की दिशा में सुरजेवाला
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला कैथल से विधानसभा चुनाव लड़ते रहे हैं। उन्होंने नरवाना में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को हराकर चुनाव जीत रखा है, जबकि जींद में उपचुनाव भी लड़ा है।
कर्नाटक के प्रभारी रहते हुए सुरजेवाला वहां कांग्रेस की सरकार बनवाने में कामयाब रहे हैं, जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें राजस्थान से राज्यसभा में भेजकर पुरस्कृत किया है। पिछले कई दिनों से उनकी गिनती एसआरके (सैलजा-रणदीप-किरण) के गुट में होती थी।
तीनों नेताओं को कई बार एक मंच पर भी देखा गया, लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में चले जाने के बाद एसआरके गुट टूट गया, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के इस गुट में जुड़ जाने के बाद इसका नया नाम एसआरबी (सैलजा-रणदीप-बीरेंद्र) गुट पड़ गया।
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