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Haryana: छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं देने वाले निजी विश्वविद्यालयों का छिन सकता है दर्जा, विधानसभा में बिल लाएगी सरकार

नियमों का पालन हो रहा है या नहीं इसकी जांच के लिए प्रवेश प्रक्रिया संपन्न होने के तीन महीने के बाद उच्चतर शिक्षा विभाग की टीम निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करेगी। अगर कोई निजी विश्वविद्यालय हरियाणा के छात्रों को आरक्षण और फीस में छूट नहीं देने का दोषी पाया गया तो उस पर मोटा जुर्माना लगाया जाएगा। नियमों के बार-बार उल्लंघन पर दर्जा भी वापस लिया जा सकता है।

By Sudhir TanwarEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 13 Dec 2023 05:00 AM (IST)
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छात्रों को आरक्षण और फीस में छूट नहीं देने वाले निजी विश्वविद्यालय निशाने पर (file photo)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़:  हरियाणा के छात्रों को आरक्षण और फीस में छूट नहीं देने वाले निजी विश्वविद्यालय सरकार के निशाने पर हैं। नियमों के उल्लंघन पर 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना किया जाएगा। निजी विश्वविद्यालयों की जवाबदेही तय करने के लिए 17 साल पुराने नियमों में बदलाव का खाका तैयार कर लिया गया है।

15 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा की ओर से हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पेश किया जाएगा। वर्तमान में 25 निजी विश्वविद्यालय हैं। झज्जर जिले में स्थित संस्कारम विश्वविद्यालय को भी इसके दायरे में जाया जाएगा।

नियमानुसार सभी निजी विश्वविद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें हरियाणा के छात्रों के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें से 10 प्रतिशत सीटें प्रदेश के अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा सभी निजी विश्वविद्यालयों को प्रदेश के छात्रों को फीस में 25 प्रतिशत छूट भी देनी होगी।

टीम निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करेगी

नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए प्रवेश प्रक्रिया संपन्न होने के तीन महीने के बाद उच्चतर शिक्षा विभाग की टीम निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण करेगी। अगर कोई निजी विश्वविद्यालय हरियाणा के छात्रों को आरक्षण और फीस में छूट नहीं देने का दोषी पाया गया तो उस पर मोटा जुर्माना लगाया जाएगा। नियमों के बार-बार उल्लंघन पर विश्वविद्यालय का दर्जा भी वापस लिया जा सकता है।

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