Haryana Result 2024: AAP का 'लाल' कार्ड फेल, 87 प्रत्याशियों की जमानत जब्त; कौन सी जिद ले डूबी
आप से गठबंधन में कांग्रेस की सीटें बढ़ने की गुंजाइश थी।मतदाताओं को लुभा नहीं पाया भावनात्मक अभियान गारंटियां भी बेअसरचुनाव प्रचार के पहले चरण में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर सुनीता केजरीवाल दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सांसद संजय सिंह और रणनीतिकार राघव चड्ढा ने हाई-वोल्टेज अभियान चलाया। जेल से बाहर आते ही खुद केजरीवाल भी प्रचार अभियान में कूद गए।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) खाता खोलने में विफल रही है। दिल्ली और पंजाब में किए कार्य और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को हरियाणा के लाल के रूप में प्रचारित करने का दांव भी नहीं चला। 88 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन जगाधरी में तीसरे स्थान पर रहे आदर्श सिंह को छोड़कर सभी 87 प्रत्याशी जमानत जब्त होने से भी नहीं बचा सके।
88 प्रत्याशियों के मत को जोड़ें तो ढाई लाख तक ही सीमित रहे। मत प्रतिशत सिर्फ 1.79 ही रहा। इतना ही नहीं, भाजपा या कांग्रेस से बागी होकर आप के टिकट लड़ने वाले नेताओं का अपना भी वोट बैंक था। आप प्रत्याशियों की इतनी बुरी हार तब है जब चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल दावा कर रहे थे कि हरियाणा में आप के समर्थन के बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती। यह जरूर कह सकते हैं कि आप और कांग्रेस का गठबंधन होता तो बाजी पलट सकती थी।
आप की हुई बुरी हार
बेहद करीबी मुकाबले वाली उचाना, डबवाली और दादरी सहित आठ से दस सीटों पर गठबंधन की स्थिति में चुनाव परिणाम कुछ और हो सकते थे। मई में हुए लोकसभा चुनाव में आइएनडीआइए के घटक दल के नाते कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता ने चार विधानसभा क्षेत्रों शाहाबाद, पिहोवा, गुहला और कलायत में भाजपा प्रत्याशी नवीन जिंदल पर बढ़त बनाई थी। अन्य पांच विधानसभा क्षेत्रों भी अच्छे-खासे वोट लिए।कांग्रेस से अधिक सीटें मांगने की जिद
अति उत्साह में विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मांग रही आप ने कई दौर की बातचीत के बाद कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया और अपने दम पर चुनावी रण में उतर गई। चुनाव में 39.94 प्रतिशत वोट लेकर 48 सीटों के साथ भाजपा प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है, जबकि कांग्रेस 39.09 प्रतिशत वोट लेकर 37 सीटों पर सिमट गई।
केजरीवाल भी खूब प्रचार किए
आप से गठबंधन में कांग्रेस की सीटें बढ़ने की गुंजाइश थी।मतदाताओं को लुभा नहीं पाया भावनात्मक अभियान, गारंटियां भी बेअसरचुनाव प्रचार के पहले चरण में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर सुनीता केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह और रणनीतिकार राघव चड्ढा ने हाई-वोल्टेज अभियान चलाया। जेल से बाहर आते ही खुद केजरीवाल भी प्रचार अभियान में कूद गए।हरियाणा का लाल बताकर मांगे वोट
मूल रूप से भिवानी के सिवानी के रहने वाले केजरीवाल ने एक दर्जन से अधिक रोड शो और जनसभाएं कर खुद को हरियाणा का लाल बताते हुए वोट मांगे। इसके बावजूद आप का भावनात्मक अभियान मतदाताओं को प्रभावित करने में विफल रहा।केजरीवाल सहित आप के तमाम स्टार प्रचारक भ्रष्टाचार और एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमलावर रहे। मुफ्त बिजली और स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मोहल्ला क्लीनिक और बेरोजगारी दूर करने के उपाय जैसी गारंटियों का भी लोगों की मानसिकता पर कोई असर नहीं पड़ा।
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