दिल्ली में धौला कुआं के नजदीक राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में तैयार इस झांकी की बाबत राज्य के सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़ ने बताया कि 'मेरा परिवार-मेरी पहचान' कार्यक्रम की शुरुआत आम जन को घर द्वार पर सरकारी सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर की गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल इनोवेटिव सोच के साथ प्रदेश में अनूठी योजनाएं लागू कर हरियाणा को विकास की राह पर आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा की कई योजनाओं का दूसरे राज्य भी अब अनुसरण कर रहे हैं और केंद्र सरकार ने भी अपनाया है। इस बार की हरियाणा की झांकी भारत सरकार के थीम 'विकसित भारत' के साथ सटीक बैठती है, जिसमें विरासत और विकास का सामंजस्य दिखाई देगा।
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय की गठित विशेषज्ञ कमेटी हर साल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियों के चयन की प्रक्रिया नवंबर माह में शुरू की जाती है, जिसमें सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश व मंत्रालय अपनी-अपनी थीम पर झांकी संबंधित जानकारी विशेषज्ञ कमेटी के समक्ष रखते हैं। विशेषज्ञ कमेटी प्रासंगिकता और केन्द्र सरकार द्वारा सुझाए गए थीम के आधार पर झांकियों का चयन करती है।
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पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आधारित थी थीम
महानिदेशक बराड़ ने कहा कि लगातार तीसरी बार हरियाणा की झांकी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बन रही है। गत वर्ष गणतंत्र दिवस पर हरियाणा ने 'अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव' थीम पर भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप को लेकर झांकी प्रदर्शित की थी। इससे पहले, हरियाणा खेलों में अपनी उपलब्धियों को दर्शाते हुए 'खेलों में नंबर वन हरियाणा' थीम पर अपनी झांकी प्रदर्शित कर चुका है। हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भले ही छोटा राज्य हो लेकिन उद्योग, कृषि और विविध प्रकार के व्यवसाय के लिए देश में सदैव अग्रणी पंक्ति में रहा है।
झांकी में दिखाया गया लोकतंत्र का सार
महानिदेशक बराड़ ने बताया कि झांकी की लोकतंत्र के सार से शुरुआत की गई है, जिसमें शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, औद्योगिकीकरण तथा हिसार के राखी गढ़ी में मिले प्राचीन सभ्यता के खजाने को दर्शाया गया है। झांकी में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लाभार्थियों के दरवाजे पर सरकारी योजनाओं का सीधे लाभ प्रदान करने का डिजिटल प्लेटफार्म दर्शाया गया है। फूलों की खेती के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के अवसरों को भी दर्शाया गया है। झांकी में सबसे आगे हाथ में टैबलेट लिए एक छात्रा को दर्शाया गया है, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जमीनी स्तर पर डिजिटल इंडिया मुहिम को मूर्त रूप देने की सोच के अनुरूप राज्य की सफलता का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि झांकी के मध्य में गोलाकार किनारे पर परिवार पहचान पत्र के लाभों को दर्शाया गया है, जिसके माध्यम से लोगों को सभी सरकारी सुविधाएं जैसे राशन वितरण, कृषि सब्सिडी, छात्रवृत्ति, चिकित्सा सहायता और बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना आदि के लाभ आसानी से मिल रहे हैं। झांकी में फूलों के खेत में काम कर रही महिला किसानों के समूह को भी दर्शाया गया है, जो अपने आप में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।
राखीगढ़ी में खुदाई से मिले चित्रों को भी झांकी में किया प्रदर्शित
महानिदेशक बराड़ ने बताया कि झांकी के दोनों किनारों पर हिसार के राखीगढ़ी में खुदाई से प्राप्त सबसे प्राचीन सभ्यता के भित्तीय चित्र बने हुए हैं। वहीं झांकी का पिछला भाग नए भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करता नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर नए उन्नत भारत के गौरव का जश्न मनाया जा रहा है। विकसित हरियाणा में मेट्रो प्रणाली, शहरी विकास का अनूठा मॉडल, औद्योगिकीकरण, आईटी हब के रूप में पहचान बना चुका हरियाणा, आधुनिक इन्फ्रास्टैक्चर विकसित करने में अग्रणी हरियाणा की तस्वीर प्रदर्शित की गई है।
सरकारी कार्यालय से मुक्ति के लिए शुरू किया गया अटल सेवा केंद्र
महानिदेशक ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सरकारी कार्यालय के चक्कर काटने की बजाय अपने नजदीकी क्षेत्र से ही सेवाओं का लाभ ले पाए इसलिए कामन सर्विस सेंटर, जिन्हें अटल सेवा केंद्र के नाम से जाना जाता है, खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि यह ऐसी योजना है जिसमें व्यक्ति को योजना का लाभपात्र होने की तिथि से ही लाभ मिलने लगता है।
उदाहरण के तौर पर व्यक्ति की आयु 60 वर्ष होने पर उसे वृद्धावस्था पेंशन के लिए पोर्टल से ही पात्र मान लिया जाता है और उसकी सहमति लेकर पेंशन ऑटोमेटिक तौर पर शुरू की जाती है। इसी तरह यदि कोई युवा 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है तो उसके पास मैसेज पहुंच जाता है कि मतदाता बनने के लिए आप पात्र हैं और आवेदन करने पर उसे मतदाता के रूप में पंजीकृत करते हुए उसका वोटर कार्ड बना दिया जाता है।
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