Haryana: HSVP में वर्षों से चल रहा था खेल, ईडी ने पकड़ा 72 करोड़ का फर्जीवाड़ा; 115 बैंक खातों की हुई जांच
एचएसवीपी में हुए 72 करोड़ रुपये के वैट रिफंड फर्जीवाड़े की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी है। ईडी ने पिछले तीन दिनों में जहां 115 बैंक खातों की जांच की है वहीं कई बिल्डरों को जांच में शामिल कर लिया है। इससे राज्य की बिल्डर लाबी और एचएसवीपी के उन अधिकारियों में हड़कंप है जो मिलकर काम करते रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में हुए 72 करोड़ रुपये के वैट रिफंड फर्जीवाड़े की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी है। ईडी ने पिछले तीन दिनों में जहां 115 बैंक खातों की जांच की है, वहीं कई बिल्डरों को जांच में शामिल कर लिया है। इससे राज्य की बिल्डर लाबी और एचएसवीपी के उन अधिकारियों में हड़कंप है जो मिलकर काम करते रहे हैं। अधिकारियों और बिल्डरों ने मिलकर फर्जी कंपनियों को यह राशि रिफंड की थी।
कई पुराने अधिकारी शामिल
पिछले कई सालों से चल रहे इस फर्जीवाड़े में एचएसवीपी के पंचकूला मुख्यालय में बरसों से एक ही सीट पर जमे अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। इनके सबसे अधिक तार गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, रेवाड़ी, करनाल, पंचकूला और हिसार के बिल्डरों के साथ जुड़े हुए हैं। सबसे अधिक गोलमाल गुरुग्राम में किया गया है, जहां बिल्डर लाबी सबसे पावरफुल स्थिति में है। एचएसवीपी में हुए इस वैट रिफंड घोटाले में पिछले बरसों में कार्यरत उच्च अधिकारियों पर तलवार लटकती नजर आ रही है।
अधिक कीमतों पर मार्केट पर बिकवाए
हालांकि, फिलहाल जांच का दायरा सिर्फ वैट रिफंड घोटाले तक सीमित है, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जांच की मंजूरी दी तो एचएसवीपी में मुख्य पदों पर काम कर चुके अधिकारियों की मिलीभगत से गुरुग्राम व फरीदाबाद समेत पूरे एनसीआर में खेले गए प्लाट-प्लाट के घोटाले की परतें भी खुलकर सामने आ सकती हैं। बताते हैं कि एचएसवीपी के अधिकारियों ने बिल्डर लाबी की मदद से स्वयं कई प्लाट सस्ते दामों में पर अपने परिचितों को खरीदवा दिए। फिर उन्हें अधिक कीमत पर मार्केट पर बिकवा दिया।
20 स्थानों पर शुरू किया सर्च ऑपरेशन
20 स्थानों पर चला सर्च ऑपरेशन मुख्यमंत्री की सीआईडी को सूचना मिली कि एचएसवीपी के खाते से कुछ लोगों के खातों में पैसे जा रहे हैं। जांच कराई गई तो पता चला कि लगभग 72 करोड़ रुपये की अदायगी डेढ़ दर्जन लोगों के खातों में हो रखी है, मगर उनके दस्तावेज प्राधिकरण के पास नहीं हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए। ईडी ने चंडीगढ़, पंचकूला और पंजाब के मोहाली, जीरकपुर और हिमाचल प्रदेश के बद्दी और सोलन में कुल 20 स्थानों पर मंगलवार को सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
19 लाख रुपये कैश और करोड़ों रुपये की प्रापर्टी दस्तावेज कब्जे
अब जांच में पाया गया कि विभिन्न लोगों, फर्मों और कंपनियों ने 2015 से 2019 तक एचएसवीपी के बैंक खातों का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी से सरकारी धन का लाभ उठाया। जांच में पता चला है कि विभिन्न फर्जी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को प्रॉपर्टी और अन्य खर्चों में निवेश किए गए। ईडी ने 19 लाख कैश और करोड़ों की प्रापर्टी के डाक्यूमेंट कब्जे में लिए ईडी ने तलाशी के दौरान 19 लाख रुपये कैश और करोड़ों रुपये की प्रापर्टी दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
अलग-अलग बैंक खातों में पेमेंट करने के लिए कहा
जानकारी मिली है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की आधिकारिक मेल से बैंक को लगभग 50 बार सूचना भेजकर अलग-अलग बैंक खातों में पेमेंट करने के लिए कहा गया था। ईडी ने उन बैंक खातों का पता लगाया, जिनके खातों में पेमेंट हो रखी थी। यह लगभग डेढ़ दर्जन लोग हैं। इनमें से कुछ बिल्डर का काम करते हैं जबकि कुछ लोग गरीब भी बताए जाते हैं।