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Haryana: दो साल की अपेक्षा इस बार कम जली पराली, वायु प्रदूषण पर उठते सवालों के बीच सरकार का दावा

CM मनोहर लाल के अनुसार पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ना केवल किसानों में जागरूकता अभियान चला रही है बल्कि पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि किसानों को देने का प्रविधान किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 24 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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दो साल की अपेक्षा इस बार कम जली पराली (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार वायु प्रदूषण के लिए भले ही हरियाणा को कठघरे में खड़ा करे, लेकिन राज्य के किसान पराली ना जलाने को लेकर जागरूक हुए हैं। पिछले दो सालों के मुकाबले इस बार तीसरे साल में खेतों में धान के अवशेष (पराली) जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है।

राज्य में अब तक पराली जलाने के 714 मामले सामने आए हैं, जबकि इस अवधि के दौरान वर्ष 2022 में पराली जलाने के 893 मामले सामने आए थे। वर्ष 2021 में पराली जलाने के मामलों की संख्या 1508 थी। पड़ोसी राज्य पंजाब में इस साल अब तक पराली जलाने की 1794 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी हद तक सफलताः सीएम 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए गंभीरता से लिया है। प्रदेश सरकार ने किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी हद तक सफलता पाई है।

मुख्यमंत्री के अनुसार पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ना केवल किसानों में जागरूकता अभियान चला रही है, बल्कि पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि किसानों को देने का प्रविधान किया गया है।

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इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें व उपकरण भी मुहैया करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार घट रही पराली जलाने की घटनाएं बताती हैं कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को जागरूक करने के प्रयास धरातल पर सफल साबित हुए हैं।

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