हरियाणा के 2 लाख किसानों को राहत, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि लौटाने का फैसला वापस
हरियाणा के दो लाख किसानों को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ली गई प्रीमियम राशि उनके खातों में लौटाने का फैसला वापस ले लिया है। वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश का किसान आज स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana हरियाणा के सात जिलों के करीब दो लाख किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत ली गई प्रीमियम राशि उनके खातों में लौटाने का फैसला वापस ले लिया है। कृषि विभाग ने रविवार को स्टेट लेवल बैंकर कमेटी को आदेश जारी कर दिए थे कि क्लस्टर-2 में शामिल अंबाला, हिसार, गुरुग्राम, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़ और सोनीपत में फसल बीमा कराने वाले किसानों का काटा गया पैसा वापस कर दिया जाए क्योंकि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ने योजना को लागू करने से इनकार कर दिया है। इस आदेश पर घमासान मचा तो सोमवार को कृषि विभाग के सलाहकार ने प्रीमियम राशि नहीं लौटाने का आदेश जारी करते हुए एक दिन पुराना फैसला वापस ले लिया।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हरियाणा में तीन क्लस्टर बनाए गए हैं। पहले क्लस्टर में फरीदाबाद, कैथल, सिरसा, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, रोहतक, रेवाड़ी और दूसरे क्लस्टर में अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम शामिल हैं। तीसरे क्लस्टर में यमुनानगर, पानीपत, पलवल, भिवानी, फतेहाबाद, झज्जर, नूंह, चरखी दादरी को रखा गया है।
सरकार ने निकाला बीच का रास्ता, ऐसे होगा फसलों का बीमा
दूसरे क्लस्टर में फसलों का बीमा करने के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को टेंडर दिया गया था, जिसके तहत 31 जुलाई तक किसानों के खातों से प्रीमियम राशि काटी गई। बाद में अचानक से बीमा कंपनी ने विभिन्न कारणों का हवाला देते फसलों का बीमा करने से हाथ खड़े कर दिए, जिसके चलते कृषि विभाग ने भी स्टेट लेवल बैंकर कमेटी को किसानों को बीमा प्रीमियम राशि लौटाने के निर्देश जारी जारी कर दिए थे। बहरहाल सरकार ने अब बीच का रास्ता निकाला है जिससे किसानों की फसल का बीमा किया जा सकेगा।
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कुमारी सैलजा ने साधा निशाना
वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश का किसान आज स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है। प्रीमियम भरने के बाद किसान को मुआवजे के लिए भटकना पड़ता है क्योंकि सरकार को किसानों से ज्यादा बीमा कंपनियों के हितों की चिंता है। सरकार के संरक्षण में मोटी कमाई करने वाली कंपनियों ने जिस तरह सात जिलों में फसलों का बीमा करने से इनकार कर दिया, वह चिंताजनक है।
'बीमा कंपनियों ने 55 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई की'
उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के नाम पर बीमा कंपनियों ने करीब 55 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की। जब किसानों को इन कंपनियों की नीतियां और सरकार के साथ उनकी मिलीभगत समझ में आने लगी तो अब कंपनियां फसलों का बीमा करने को तैयार नहीं हैं। जब भी किसानों पर संकट आता है तो सरकार और बीमा कंपनियां किसी ने किसी बहाने से अपने कदम पीछे खींच लेती है। किसानों के साथ विश्वासघात करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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