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Vidhan Sabha Election 2024: हरियाणा के चुनावी रण में ज्यादातर दिग्गज उतारेगी भाजपा, लागू होगा मध्यप्रदेश का फार्मूला

हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरी तैयारी में है। ऐसी खबर है कि प्रदेश में पार्टी मध्यप्रदेश का फार्मूला लगा सकती है। इस फार्मूले के तहत बीजेपी पार्टी के दिग्गजों को मैदान में उतारेगी। जिस तरह मध्यप्रदेश में पार्टी को इस फार्मूले से फायदा हुआ था ठीक उसी तरह बीजेपी को हरियाणा में भी इसके अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Tue, 20 Aug 2024 01:40 PM (IST)
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हरियाणा का रण जीतने के लिए बीजेपी जी-जान से जुटी है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा पूरे जी-जान से जुटी है। भाजपा ने जहां अपनी पार्टी के अधिकतर दिग्गजों को चुनावी रण में उतारने का निर्णय लिया है, वहीं कुछ विधानसभा सीटों पर पार्टी के प्रमुख नेताओं के स्वजन को भी चुनाव लड़वाया जा सकता है।

हरियाणा में यह प्रयोग ठीक उसी तरह किया जाने वाला है, जिस तरह से भाजपा ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं को उतारकर किया था। इसके नतीजे भी काफी हद तक अच्छे रहे थे।

मध्यप्रदेश में भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद पटेल को विधानसभा के चुनावी रण में उतारने का प्रयोग किया था, जबकि भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के अलावा सांसद रीति पाठक, सांसद राकेश सिंह, सांसद उदय राव प्रताप सिंह और सांसद गणेश सिंह को भी भाजपा ने विधानसभा के चुनावी रण में उतरने के लिए उन्हें टिकट आवंटित किए थे।

दिग्गजों पर दांव लगाएगी बीजेपी

भाजपा को उम्मीद है कि जिस तरह से दिग्गजों को विधानसभा के चुनावी रण में उतारने का प्रयोग दूसरे राज्यों में सफल रहा है, उसी तरह का प्रयोग हरियाणा में भी सफल रह सकता है। इस कड़ी में हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव हार चुके पार्टी के प्रमुख नेताओं व दिग्गजों को भी इस बार चुनाव मैदान में उतारे जाने की पूरी संभावना है।

भाजपा में आधा दर्जन नेता ऐसे हैं, जो अपने स्वजन के लिए टिकट मांग रहे हैं। अभी तक भाजपा इन नेताओं के स्वजनों को टिकट देने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन एक-एक सीट जीतने की कवायद में जुटी भाजपा के लिए पार्टी के प्रमुख नेताओं के स्जवन को टिकट देना मजबूरी बन गया है। भाजपा ने राजस्थान में भी सात सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिए थे।

लोकसभा में बीजेपी के हवाले आईं पांच सीटें

हरियाणा में भाजपा लोकसभा की पांच सीटें ही जीत पाई है। ऐसे में किसी मौजूदा सांसद को तो विधानसभा के रण में नहीं उतारा जाएगा, लेकिन लोकसभा चुनाव हार चुके उम्मीदवारों के नामों पर भी विचार संभव है।

भाजपा पूरे राज्य में अपने जिला पर्यवेक्षकों के माध्यम से विधानसभावार टिकट के दावेदारों का फीडबैक हासिल कर चुकी है। प्रदेश संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा रिपोर्ट सौंप चुके हैं । 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए करीब 2700 नाम पार्टी के सामने आए हैं। अब इन नामों की छंटनी का काम चल रहा है। एक विधानसभा सीट पर कम से कम दो और अधिकतम चार नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है।

कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जिन पर सिर्फ एक ही नाम का पैनल तैयार किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुछ सीटों पर एक नाम का पैनल तैयार किया था, लेकिन भाजपा हाईकमान ने उसे यह कहकर लौटा दिया था कि भले ही सिंगल नाम वाले व्यक्ति को चुनाव लड़वाया जाए। हालांकि, पैनल में दो से तीन नाम जोड़ने जरूरी हैं। इन सभी नामों पर 22 व 23 अगस्त को गुरुग्राम में होने वाली भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति में चर्चा होगी।

23 अगस्त को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नई दिल्ली में 23 अगस्त को होने की संभावना है। प्रदेश चुनाव समिति की संस्तुति के बाद करीब तीन दर्जन उम्मीदवारों की लिस्ट केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से फाइनल की जा सकती है।

पहली लिस्ट में उन उम्मीदवारों के नाम होंगे, जिनकी जीत को लेकर भाजपा पूरी तरह से आश्वस्त है। दूसरी लिस्ट पर बाद में चर्चा होगी। प्रदेश में चूंकि पांच सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी, इसलिए भाजपा विधानसभा उम्मीदवारों की सूची जारी करने में ज्यादा देर नहीं लगाएगी।

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