दीवाली के बाद दमघोंटू हुई हरियाणा की हवा, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI, सांस लेने लायक नहीं हैं ये 9 शहर
हरियाणा में दिवाली के जश्न और पराली जलाने से वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच गया है। नौ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 तक पहुंच गया है। हिसार और कुरुक्षेत्र में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। सरकार ने रात को सिर्फ दो घंटे आतिशबाजी की स्वीकृति दी थी लेकिन लोगों ने जमकर पटाखे छुड़ाए। इससे पूरा हरियाणा एक तरह से गैस चैंबर में तब्दील हो गया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में दीपावली पर हुई आतिशबाजी के धुएं में पराली (धान के फसल अवशेष) की आग भी घुल गई है। दीपावली और हरियाणा दिवस की सरकारी छुट्टियों का फायदा उठाते हुए किसानों ने दो दिन में 77 स्थानों पर पराली में आग लगा डाली।
दीपावली पर जमकर हुई आतिशबाजी और पराली के धुएं से मिलकर हुआ प्रदूषण चरम पर पहुंच गया। नौ शहरों अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, यमुनानगर, जींद, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और रोहतक में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 तक पहुंच गया।
हिसार और कुरुक्षेत्र में वायु गुणवत्ता बेहद खराब
दीपावली पर सरकार ने रात को सिर्फ दो घंटे आतिशबाजी की स्वीकृति दी थी, लेकिन शाम सात से रात 12 बजे तक लोगों ने जमकर पटाखे छुड़ाए। इससे पूरा हरियाणा एक तरह से गैस चैंबर में तब्दील हो गया।हिसार और कुरुक्षेत्र में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 और पीएम-10 दोनों ही 500 के पार पहुंच गए। यह इतना खतरनाक है कि घर से बाहर निकलने पर स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ सकता है। 400 से अधिक एक्यूआई होने पर प्रत्येक व्यक्ति एक दिन में 25-30 सिगरेट के बराबर धुआं अपने शरीर में ले रहा है।
यह भी पढ़ें- हिसार में झुग्गी बस्ती में लगी भीषण आग, 30 से अधिक झोपड़ियां जलकर खाक
इसी तरह 300-350 एक्यूआई में सांस लेना एक दिन में 15-20 सिगरेट पीने के बराबर है, जिसका स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। पीएम 2.5 वायुमंडलीय कण पदार्थ (पीएम) को संदर्भित करता है, जिसका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है, जो मानव बाल के व्यास का लगभग तीन प्रतिशत है। आमतौर पर पीएम 2.5 के रूप में लिखे जाने वाले इस वर्ग के कण इतने छोटे होते हैं कि उन्हें केवल माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।